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Vodafone Idea दिवालिया के करीब, फिर भी एक दिन में 48% उछला शेयर

वोडाफोन-आईडिया शेयर के उछाल की क्या है वजह

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टेलीकॉम इंडस्ट्री पर संकट के बीच 19 फरवरी को वोडाफोन-आइडिया के शेयर में 48 फीसदी तक उछाल देखी गई. बीएसई और एनएसई में वोडाफोन-आइडिया का शेयर कारोबार के दौरान 48 फीसदी तक ऊपर गया. एक दिन पहले बीएसई में वोडाफोन का शेयर 3.03 रुपये पर बंद हुआ था. बुधवार सुबह अच्छी बढ़ोतरी के साथ शेयर 3.20 पर खुला और एक वक्त 4.49 तक पहुंच गया. यानी कि शेयर 48 फीसदी तक चढ़ा. हालांकि कारोबार के अंत तक शेयर थोड़ा सा गिरकर 4.19 के भाव पर बंद हुआ. इस भाव पर वोडाफोन का मार्केट कैपिटल 12,040.13 करोड़ है.

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52 हफ्तों में वोडाफोन-आइडिया के शेयर का सबसे ऊंचा स्तर 21.74 रहा है. वहीं इसी दौरान सबसे निचला स्तर 2.61 रहा है.

वोडाफोन-आईडिया शेयर के उछाल की क्या है वजह

वोडाफोन-आइडिया शेयर के उछाल की क्या है वजह

भारत में टेलीकॉम कंपनियां इस समय आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं. 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों और सरकार को AGR बकाए के पेमेंट में हो रही देरी को लेकर फटकार लगाई. सरकार के टेलीकॉम विभाग ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए सर्कुलर जारी कर दिया कि टेलीकॉम कंपनिया उसी तारीख को 12 बजे अपना AGR बकाया जमा करें.

सुप्रीम कोर्ट से सख्ती के बाद टेलीकॉम कंपनियों को सरकार से मदद की उम्मीद थी लेकिन अब तक सरकार ने मदद के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ाया. अब हर हालत में टेलीकॉम कंपनियों को अपना AGR बकाया चुकाना ही होगा और कंपनियों ने बकाया चुकाना शुरू भी कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) बकाया के भुगतान मामले में 2500 करोड़ रुपये चुकाने का वोडाफोन आइडिया का प्रस्ताव ठुकरा दिया. कंपनी ने कहा कि वो शुक्रवार तक और 1,000 करोड़ रुपये जमा कर देगी. लेकिन, अदालत ने इस प्रस्ताव को नहीं माना. बता दें, वोडाफोन-आइडिया को करीब 53,000 करोड़ रुपये का AGR बकाया चुकाना है.

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सुप्रीम कोर्ट की फटकार और फिर सरकार के अल्टीमेटम के बाद आखिरकार टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने बकाए में से 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. एयरटेल पर कुल 35,586 करोड़ का बकाया था, जिसमें से अब उसने 10,000 करोड़ रुपये चुका दिया है.

बकाया नहीं देने पर बैंक गारंटी गंवा सकती हैं कंपनियां

सरकार, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) के 'तत्काल' स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और लाइसेंस शुल्क के भुगतान में विफल रहने पर उनके बैंक गारंटी को भुनाने की कार्रवाई कर सकती है. सरकार यह कदम सुप्रीम कोर्ट से बीते साल 24 अक्टूबर को स्पेक्ट्रम फीस को लेकर दिए गए आदेश के अनुपालन के मद्देनजर उठा सकती है.

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