विदेश में बसे अपने देश के लोगों से धन प्राप्त करने में भारत शीर्ष स्थान पर कायम है. वर्ल्ड बैंक ने सोमवार की जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2017 में विदेश में बसे भारतीयों ने अपने घर-परिवार के लोगों को 69 अरब डॉलर भेजे ( रेमिटेंस ) जो इससे पिछले साल की तुलना में 9.9 फीसदी अधिक है.
पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा भेजा धन
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में विदेश में बसे भारतीयों ने देश में 69 अरब डॉलर भेजे. यह इससे पिछले साल की तुलना में अधिक है, लेकिन 2014 में प्राप्त 70.4 अरब डॉलर के रेमिटेंस से कम है.रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप, रूस और अमेरिका में वृद्धि से रेमिटेंस में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है. कई गरीब देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए रेमिटेंस बड़ा सहारा होता है. विश्व बैंक का कहना है कि कच्चे तेल के ऊंचे दाम तथा यूरो और रूबल में आई मजबूती से रेमिटेंस बढ़ा है
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक भारत को 69 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला , वहीं 64 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर रहा. फिलिपींस को 33 अरब डॉलर , मेक्सिको को 31 अरब डॉलर , नाइजीरिया को 22 अरब डॉलर और मिस्र को 20 अरब डॉलर रेमिटेंस से मिले.
भारत को 2015 में 68.91 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला था , जो 2016 में घटकर 62.74 अरब डॉलर पर आ गया था. विश्व बैंक का अनुमान है कि आधिकारिक रूप से कम और मध्यम आय वाले देशों को 2017 में 466 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला. यह 2016 के 429 अरब डॉलर से 8.5 फीसदी अधिक है. . वैश्विक स्तर पर रेमिटेंस 2017 में सात फीसदी बढ़ कर 613 अरब डॉलर पर पहुंच गया , जो 2016 में 573 अरब डॉलर रहा था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम और मध्यम आय वाले देशों को रेमिटेंस 2018 में 4.1 फीसदी बढ़ कर 485 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है. वहीं वैश्विक स्तर पर यह 4.6 फीसदी बढ़ कर 642 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा
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