फैशन क्लोदिंग के कारोबार की बड़ी जापानी कंपनी यूनिक्लो (Uniqlo) ने भारत के विशाल बाजार में एंट्री कर ली है. यूनिक्लो ने 4 अक्टूबर को अपना पहला स्टोर दिल्ली के वसंत कुंज में एंंबियंस मॉल में खोला है. ये स्टोर 35,000 स्कवेयर फुट की जगह में खुला है. आइए आपको बताते हैं यूनिक्लो के बारे में.
यूनिक्लो भारत में कारोबार करने के मामले में यहीं नहीं रुकेगी. कंपनी की जल्द ही 2 और रिटेल स्टोर्स खोलने की योजना है. ये स्टोर दिल्ली के डीएलएफ एवेन्यू, साकेत और डीएलएफ, साइबर हब, गुड़गांव में खोले जाएंगे.
क्या है यूनिक्लो की खासियत
- यूनिक्लो जापान में 1984 में शुरू हुई थी
- अब कंपनी के 23 देशों में 2200 स्टोर्स हैं
- कंपनी अपने कपड़ों की यूनिक डिजाइनिंग के लिए मशहूर है
- यूनिक्लो के विंटर क्लोद्स भी दुनियाभर में मशहूर हैं
- यूनिक्लो देश के मशहूर डिजाइनर्स का बनाया कुर्ता कलेक्शन भी रखेगी
यूनिक्लो के चेयरमैन और फास्ट रिटेलिंग ग्रुप के प्रेसिडेंट और CEO तादाशी यानाई ने बताया-
भारतीय बाजार में हमारी कंपनी का आना ग्लोबलाइजेशन की तरफ एक कदम है. हमारी कोशिश है कि हम अपने इनोवेटिव प्रोडक्ट्स में देश की कला और परंपरा के अंदाज को भी शामिल करें. हमें उम्मीद है कि हम भारत के आर्थिक विकास की प्रक्रिया में सहयोग देंगे.तादाशी यानाई, यूनिक्लो चेयरमैन
यूनिक्लो भी भारत में सिक्का जमाने के लिए तैयार
यूनिक्लो की कोशिश है कि भारत के कस्टमर्स के लिए उनकी जरूरतों और पसंद के हिसाब से प्रोडक्ट तैयार किए जाएं.
अगर कीमत की बात की जाए तो यूनिक्लो ने अपने कपड़ों के दाम अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बराबर रखे हैं.
एडेलवाइस सिक्योरिटी के एनालिस्ट अबनीश रॉय ने द प्रिंट वेबसाइट को बताया -
भारत बेहद प्रतियोगी बाजार है और पहले से ही क्लोदिंग की दुनिया के बड़े ब्रांड यहां पर कारोबार रहे हैं. साथ ही देश के घरेलू ब्रांड्स भी अच्छी चुनौती दे रहे हैं. यूनिक्लो ने भारत में काफी देर एंट्री की है और बाजार में अपनी धाक जमाना कंपनी के लिए आसान नहीं होगा.अबनीश रॉय, एडेलवाइस सिक्योरिटी
देश में क्लोदिंग कंपनी के लिए अपार संभावनाएं हैं. भारत की 130 करोड़ से ज्यादा की आबादी और बड़े मिडिल क्लास को देखते हुए दुनियाभर के बड़े ब्रांड्स भारत में अपना सिक्का जमाना चाहते हैं. लेकिन भारत अभी इकनॉमिक स्लोडाउन से गुजर रहा है. बाजार को डिमांड में लगातार गिरावट दिख रही है. ऐसे में यूनिक्लो के सामने अपने महंगे प्रोडक्ट को बेच पाने की कठिन चुनौती होगी.
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