कोरोना वायरस संकट आए करीब 6 महीने हो गए हैं और इकनॉमी का इस पर बहुत बुरा प्रभाव भी देखने को मिल चुका है. फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की पहली ही तिमाही में ग्रोथ रेट 23.9 फीसदी नेगेटिव में रही और ये 40 सालों का निचल स्तर रहा. अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस बातचीत में इकनॉमी की हालिया स्थिति पर बात की है और वित्त मंत्रालय, सरकार के कामकाज का पक्ष रखा है. सीतारमण का कहना है कि इकनॉमी इस वक्त अलग तरह के संकट से गुजर रही है, महामारी कब खत्म होगी इसकी तस्वीर साफ नहीं है. साथ ही उन्होंने इकनॉमी कहा कि इकनॉमी अब पटरी पर लौट रही है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा-
पिछले 6 महीनों में चुनौतियां कम नहीं हुईं है लेकिन चुनौतियों की प्रकृति जरूर बदल गई है. अब हमारा मंत्रालय पहले के मुकाबले और ज्यादा तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है.निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
'प्रवासी मजदूर लौट रहे वापस, इकनॉमी में रिकवरी'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब प्रवासी मजदूर इंडस्ट्रीज की तरफ वापस लौट रहे हैं. इनमें गार्मेंट्स, एक्सपोर्ट, कपड़ा जैसे सेक्टर में तेजी के साथ रिकवरी देखने को मिल रही है. घरेलू डिमांड से ज्यादा विदेश से डिमांड देखने को मिल रही है.
ग्रामीण इलाकों से इकनॉमी को अच्छा सपोर्ट देखने को मिल सकता है और ये सिर्फ कृषि से ही नहीं बल्कि गैर कृषिगत कामकाज में भी अच्छा सहयोग मिलने की उम्मीद है.निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने माना है कि फ्रंटलाइन सेक्टर्स जैसे कि टूरिज्म, होटल, रेस्टोरेंट पर कोरोना वायरस संकट का सबसे बुरा असर देखने को मिला है.
आंकड़ों में भी दिखे रिकवरी के संकेत
अब आंकड़ों में भी ये बात दिखने लगी है कि इकनॉमी पटरी पर लौट रही है. अगस्त में GST रेवेन्यू पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 88% रहा है. पिछले ही साल के मुकाबले करीब 97.2% ईवे-बिल जनरेट किए गए. PMI बढ़कर 46 से 52 हो गया. लेकिन फिर भी अभी दूसरी तिमाही में जीडीपी -4.5% से लेकर -13.7% तक रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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