वित्तीय साल 2017-18 के लिए जीडीपी का पहला अनुमान सरकार ने जारी किया है. अनुमान में विकास दर में कमी की बात दिख रही है. इस फाइनेंशियल ईयर के लिए 6.5 परसेंट ग्रोथ रहने का अनुमान जताया गया है. पिछले साल जीडीपी 7.1 परसेंट थी.
इस पूरे साल निजी कंजप्शन में महज 6.33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले साल के 8.7% से काफी कम है. मतलब ये कि लोगों की तंगी रही और उन्होंने कम खर्च किए. दूसरी और कंपनियों के निवेश में थोड़ी बढ़ोतरी के संकेत है
सरकारी खर्च में भी कमी आई है और इस साल इसमें बढ़ोतरी की दर 8.5 फीसदी का अनुमान है जो पिछले साल के 20.8 फीसदी से काफी कम है
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इस अनुमान की कुछ खास बातें
- जीडीपी ग्रोथ 6.5 परसेंट (अनुमान)
- 2016-17 में जीडीपी ग्रोथ 7.1 परसेंट थी
- कॉरपोरेट निवेश में बढ़ोतरी से रिकवरी की उम्मीद
- तीन तिमाही के आंकड़ों के साथ जीडीपी का दूसरा अनुमान 28 फरवरी को जारी किया जाएगा , पूरे साल के आंकड़े मई 2018 में रिलीज होंगे
- ग्रॉस वैल्यू एडेड का अनुमान 6.1 परसेंट
- एग्रीकल्चर ग्रोथ 2.1% रहने का अनुमान
- माइनिंग ग्रोथ 1.8 परसेंट का अनुमान
सालाना प्रति व्यक्ति आय 1,03,219 से बढ़कर 111,782 रुपए होने का अनुमान
Q-जानकारी:
GVA (Gross Value added), जीडीपी में से टैक्स घटाकर निकाला जाता है. इकनॉमी की वास्तविक तस्वीर जीवीए से नजर आती है.
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