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पुणे में ‘ऑनलाइन लूट’, Cosmos बैंक से हैकरों ने उड़ाए 94 करोड़

कॉसमॉस को-ऑपरेटिव बैंक लि. देश का दूसरा सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा को-ऑपरेटिव बैंक है.

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हैकरों ने पुणे के कॉसमॉस को-ऑपरेटिव बैंक के एटीएम सर्वर को हैक करके 94.42 करोड़ रुपये उड़ा लिए. हैकरों ने वीजा और रुपये डेबिट कार्ड की क्लोनिंग कर इन रुपयों को कई भारतीय और विदेशी बैंकों में ट्रांसफर कर दिया.

कॉसमॉस बैंक के अधिकारियों ने पुणे के चतुरश्रंगी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई. इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 43,65, 66(सी) और 66 (डी) के तहत ये मामला दर्ज किया गया है.

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कॉसमॉस को-ऑपरेटिव बैंक लि. देश का दूसरा सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा को-ऑपरेटिव बैंक है.

FIR में कहा गया है कि पहला अटैक 11 अगस्त को दोपहर तीन बजे से रात 10 बजे के बीच हुआ, जबकि दूसरा अटैक 13 अगस्त को सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब हुआ. इस फ्रॉड से बैंक के गणेशखंड मार्ग पर स्थित हेड ऑफिस में कामकाज पर असर पड़ा.

VISA और रुपये डेबिट कार्ड लीक

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर हमले के दौरान बैंक के हेड ऑफिसर के सर्वर से हमलावरों ने ग्राहकों के वीजा और रुपये डेबिट कार्ड की जानकारियां भी उड़ा लीं.

कॉसमॉस बैंक के चेयरमैन मिलिंद काले ने बताया कि शनिवार को 2 घंटे 13 मिनट में 450 इंटरनेशनल वीजा डेबिट कार्ड के जरिए 21 देशों में अलग-अलग स्थान पर 12,000 फ्रॉड ट्रांजेक्शन हुए. वहीं भारत में 400 डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करके 2.5 करोड़ रुपये 2,800 फ्रॉड लेन देन के जरिए दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए गए.

ये बैंकिंग सिस्टम पर एक इंटरनेशनल क्रिमिनल अटैक है. किसी भी ग्राहक के बैंक खाते पर कोई असर नहीं पड़ा है. हैकर्स ने डमी कार्ड का इस्तेमाल करके बैंक का स्विचिंग सिस्टम हैक किया.
मिलिंद काले, चेयरमैन, कॉसमॉस बैंक

पुलिस ने बताया कि हैकरों ने सोमवार (13 अगस्त) को स्विफ्ट ट्रांजेक्शन के जरिए 13.92 करोड़ रुपये हांगकांग की हैंगसेंग बैंक के एएलएम ट्रेडिंग लि. के खाते में ट्रांसफर किए. इसके तुरंत बाद उस रकम को खाते से निकाल लिया गया.

इनपुट: IANS

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