देश के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक HDFC बैंक को 26 साल बाद 27 अक्टूबर को नया बॉस मिल गया है. अब शशिधर जगदीशन (Sashidhar Jagdishan) अब HDFC बैंक के नए मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (MD & CEO) बन गए हैं. शशिधर जगदीशन आदित्य पुरी की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 26 अक्टूबर को खत्म हो गया है.
HDFC बैंक में अलग-अलग ओहदों पर 25 साल का अनुभव
शशिधर जगदीशन ने HDFC बैंक 1996 में जॉइन किया था. शुरू में वो फाइनेंस डिपार्टमेंट में मैनेजर थे. इसके बाद 1999 में शशिधर को फाइनेंस में बिजनेस हेड बनाया गया. 2008 वो बैंक के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बनाए गए. इस तरह से देखें तो इसी बैंक में अलग-अलग ओहदों पर काम करते हुए उनको करीब 25 साल का अनुभव हो गया है.
फिजिक्स से ग्रेजुएट, फिर CA और UK से पोस्ट ग्रेजुएट
शशिधर जगदीशन ने अपना ग्रेजुएशन फिजिक्स के स्पेशलाइजेशन के साथ पूरा किया और इसके बाद वो चार्टर्ड अकाउंटेंट बने. शशिधर ने मनी, बैंकिंग और फाइनेंस में यूके की शेफील्ड यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन किया हुआ है.
HDFC बैंक जॉइन करने के पहले जगदीशन डॉइश बैंक के मुंबई ऑफिस में फाइनेंशियल कंट्रोल डिवीजन में सीनियर ऑफिसर थे.
अभी जगदीशन HDFC बैंक में फाइनेंस, ह्यूमन रिसोर्स, कॉरपोरेट कम्यूनिकेशंस और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी विभागों की जिम्मेदारी संभालते रहे हैं. जगदीशन ने HDFC बैंक की विकास यात्रा में एक अहम जिम्मेदारी निभाई है.
बीते महीने बैंक की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में बैंक के पूर्व MD&CEO आदित्य पुरी ने ऐलान किया था कि बैंक का नया प्रमुख बैंक के अंदर का ही व्यक्ति होगा, जिनका बैंकिंग में एक लंबा करियर है.
जगदीशन के सामने चुनौतियां
जगदीशन देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के प्रमुख के तौर पर ऐसे वक्त में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं जब कोरोना वायरस की वजह से इकनॉमी में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वित्तीय संस्थानों को ऐसे वक्त में बहुत ही फूंक-फूंक कर कदम रखने की जरूरत है. लोन मोरेटेरियम को लेकर अभी बैंक काम कर रहे हैं. मोरेटोरियम और रीस्ट्रक्चरिंग के बाद बैंक की सेहत की बेहतर तस्वीर आएगी. तब असल चुनौतियां पता चल सकेंगी.
HDFC बैंक की लोन बुक का 9% से ज्यादा हिस्सा मोरेटोरियम के तहत है. हालांकि इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में कंपनी ने अपने मुनाफे में 19.6 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की थी. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद ये देखने में आया था कि कंपनी की बैंक के रिटेल लोन कम हुए हैं.
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