कोरोना महामारी के बाद से डिजिटलाइजेशन में इजाफा हुआ है. इसके चलते अब इंडियन स्टॉर्टअप्स को विकास और मौकों के नए रास्ते खुल रहे हैं. 2020 में हमारे देश में 1600 टेक स्टार्टअप्स खुले. इस दौरान 12 यूनिकॉर्न स्टार्टअप भी उभरकर सामने आए. यह किसी भी एक साल में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की सबसे बड़ी संख्या है.
बता दें यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स का मतलब होता है कि ऐसा स्टार्टअप जिनका कुल वेल्यूऐशन एक बिलियन डॉलर से ज्यादा का हो.
NASSCOM के मुताबिक, 2021 में भारत में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या 50 पार होने की संभावना है. संभावना है कि इस साल भारत के इंडियन टेक स्टार्टअप्स के लिए माहौल में काफी सुधार आएगा और हालात तेजी से सामान्य होने की तरफ बढ़ेंगे.
नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) के मुताबिक, 2020 में कुल स्टार्टअप डील में कमी आई हो, लेकिन इस दौरान स्टार्टअप्स की सीड स्टेज फंडिंग की संख्या में (शुरुआत में निवेश) में बढ़ोत्तरी हुई है. 2020 में 2019 की तुलना में 90 फीसदी ज्यादा सुधार हुआ है. इस बीच लेट स्टेज फंडिंग (बाद में निवेश) में भी इजाफा हुआ है.
एडटेक, बीएफएसआई, एग्रीटेक और गेमिंग जैसे सेक्टर में कोरोना महामारी के दौर में पहले निवेश में इज़ाफा हुआ है. 2019 में 29 फीसदी से बढ़कर यह 2020 में 42 फीसदी पर पहुंच गया है.
डीप टेक स्टार्टअप्स को भी वेंचर कैपिटल फर्म्स और फंडिंग एजेंसियों का रुझान बढ़ने से फायदा हुआ है. 2019 में कुल निवेशों का 11 फीसदी ही डीप टेक में निवेश किए जाते थे, 2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 14 फीसदी पहुंच गया है. 87 फीसदी डीप टेक इंवेस्टमेंट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस स्टार्टअप्स में रहे हैं.
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