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सब्जियों के दाम से आपके लोन की किस्तों का क्या है रिश्ता,जान लीजिए

सब्जियों के दाम में गिरावट से महंगाई घटेगी लेकिन आरबीआई नहीं घटाएगा ब्याज दरें

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सब्जियों की पैदावार में इजाफे ने इसके दाम गिरा दिए हैं. इस वजह से खुदरा महंगाई के मोर्चे पर थोड़ी राहत रहेगी और इससे आरबीआई मौजूदा ब्याज दरों को बरकरार रखेगा. यानी महंगाई बढ़ने की आशंका से केंद्रीय बैंक ब्याज दरें नहीं बढ़ाएगा और फिलहाल लोन रेट में इजाफा नहीं होगा.

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इस वक्त प्याज, टमाटर, फूल गोभी और बंदगोभी समेत कई सब्जियां सस्ती हो गई हैं. सस्ती सब्जियों का यह असर जून तक रह सकता है. इससे महंगाई पर दबाव कम रहेगा. महंगाई आरबीआई के प्रोजेक्शन के भीतर ही रह सकती है. अप्रैल से सितंबर के बीच आरबीआई का महंगाई प्रोजेक्शन 5.1 से 5.6 तक है. सब्जियां सस्ती होने से आम उपभोक्ताओं को भले ही फायदा हो लेकिन किसानों को नुकसान हो रहा है.

मुकेश माली नाम के एक किसान ने इस दिक्कत का कुछ यूं जिक्र किया

मेरे पास दो रास्ते हैं. या तो मैं अपनी फूलगोभी मवेशियों को खिला दूं या सस्ते में मार्केट में बेच दूं. मैं सोचता हूं कि इन्हें सस्ते में ही बेच दूं
मुकेश माली, किसान 
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फूलगोभी के दाम पिछले दिनों 12 रुपये प्रति किलो चल रहे थे लेकिन अब यह घट कर तीन रुपये किलो आ गया है. प्याज के दाम में 43 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इस वजह से फरवरी में महंगाई दर घट कर 4.44 फीसदी पर आ गई. पहले यह दर 4.8 फीसदी थी.

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विकास दर बढ़ी लेकिन रोजगार का मोर्चा कमजोर

आरबीआई महंगाई पर कड़ी नजर रखे हुए है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आर्थिक विकास दर 7.2 फीसदी रही थी. पिछली पांच तिमाहियों में यह सबसे ज्यादा है. हालांकि रोजगार के मोर्चे पर हालात अच्छे नहीं है.

कुछ बैंकरों का कहना है कि आरबीआई इस पर नजर रखे कि ग्रोथ के मोर्चे पर कोई ठोस तस्वीर उभर रही है या नहीं. ब्याज दरें घटाने से पहले आरबीआई को रुक कर सोचना होगा. अगर सरकार ने एएसपी बढ़ाई तो महंगाई में भी इजाफा हो सकता है. महंगाई दर अगर आधा से एक फीसदी बढ़ी तो आरबीआई को ब्याज दरें घटाने का कदम रोकना पड़ेगा.

इनपुट : रॉयटर्स

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