दुनिया के दो कॉरपोरेट दिग्गज. दोनों दुनिया की रिच लिस्ट में. दोनों दुनिया में हर कीमत पर छा जाना चाहते हैं, खासकर डिजिटल दुनिया में. दोनों ने अब हाथ मिला लिया है. जाहिर है जब मुकेश अंबानी और मार्क जकरबर्ग साथ आएंगे तो कुछ बड़ा करेंगे. इतना बड़ा कि इससे भारत में ऑनलाइन लेनदेन, शॉपिंग, गेमिंग, मनोरंजन और कारोबार का तरीका बदल सकता है. एक की ताकत बड़ा यूजर बेस है, तो दूसरे पास बड़ा सब्सक्रिप्शन बेस है.
बडे़ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म में 43,574 करोड़ का निवेश किया है.
मुकेश अंबानी - दुनिया पर छा जाने की चाहत
दोनों की कार्यशैली ऐसी है कि दुनिया चकित हो जाती है. वक्त से पहले वक्त की धारा को पकड़ने के उस्ताद मुकेश अंबानी ने जब भारत में जियो को लॉन्च किया, तो लाखों के लिए मोबाइल और इंटरनेट अफोर्डेबल हो गया. उन्होंने इस सेक्टर में समय और पैसे के बड़े निवेश के फायदे देखे. आज जियो से बचने के लिए प्रतियोगी कंपनियां रास्ता खोज रही हैं.
2016 में 4जी फोन सर्विस जियो के लॉन्च के साथ ही रिलायंस ने भारतीय टेलीकॉम मार्केट में बड़ा कॉम्पटिशन खड़ा कर दिया. मौजूदा समय में, जियो देश का सबसे बड़ा मोबाइल नेटवर्क है और इसके 370 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं.
मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और बड़े शेयरहोल्डर हैं. रिलायंस तेल से लेकर, टेलीकॉम और ऑनलाइन शॉपिंग तक में बड़ा हस्तक्षेप रखती है.10 लाख करोड़ से ज्यादा मार्केट कैप है.
“पिछले कुछ सालों में फेसबुक, WhatsApp और इंस्टाग्राम, भारत में काफी पॉपुलर हुए. खासकर, WhatsApp. ये सिर्फ एक डिजिटल एप्लीकेशन नहीं है. ये आपका और हम सबका दोस्त बन गया है, जो परिवार, दोस्तों, बिजनेस को साथ लाता है. जियो और फेसबुक का साथ, आप सभी के लिए नए इनोवेशन लेकर आएगा.”फेसबुक के साथ डील पर मुकेश अंबानी ने कहा
“इस नई दुनिया में डेटा नया तेल है. डेटा ही धन है. भारत के डेटा पर भारतीयों का हक और नियंत्रण होना चाहिए, किसी विदेशी कॉरपोरेट के पास नहीं.”वाइब्रेंट गुजरात समिट में मुकेश अंबानी (2018)
दूसरी तरफ मार्क जकरबर्ग वो शख्स जिसने फेसबुक बनाकर मॉडर्न दुनिया कैसे एक दूसरे से बातचीत करती है, इसका तरीका बदल दिया. WhatsApp से चुनौती मिली, तो उसे भी खरीद लिया. यानी हम अपने दोस्तों, पड़ोसियों और समाज से ज्यादातर जो बातचीत करते हैं, वो मार्क जकरबर्ग के प्लैटफॉर्म पर करते हैं.
“भारत में 6 करोड़ छोटा कारोबारी हैं. लॉकडाउन के वक्त इन कारोबारियों को अपने ग्राहकों से संपर्क करने और अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए टूल्स चाहिए. हम इसमें मदद कर सकते हैं. जियो के साथ ये करार यही मदद करेगा.”मार्क जकरबर्ग, फाउंडर, फेसबुक
इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी भी फेसबुक ही है. 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फेसबुक की शुरुआत करने वाले मार्क जकर्बग आज दुनिया के टॉप 10 अमीर लोगों में से एक हैं. जकरबर्ग, 2010 से लगातार टाइम मैगजीन के 100 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं. 2015 में, जकरबर्ग और उनकी पत्नी, प्रिसिला चान ने फेसबुक की 99% हिस्सेदारी दान देने का फैसला किया था.
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