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घोटाले के आरोपी PMC बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह गिरफ्तार

30 सितंबर को RBI के PMC बैंक और HDIL के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.

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पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में 4,355 करोड़ रुपये का घोटाला मामले में मुंबई पुलिस ने बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले शुक्रवार को बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस को गिरफ्तार किया गया था.

डीसीपी ऑपरेशन प्रणय अशोक ने कहा, ‘वरयाम सिंह को कई दिनों से ट्रेस किया जा रहा था. आज आखिरकार इन्हें माहिम चर्च से गिरफ्तार कर लिया गया है. इन पर 420, 409, 465, 464, 406, 471, 120बी आईपीसी धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. आगे की जांच एसआईटी कर रही है.’

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30 सितंबर को RBI के नियुक्त किए गए एडमिनिस्ट्रेटर ने PMC बैंक और HDIL के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने PMC बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस, चेयरमैन वरयाम सिंह और कई एग्जीक्यूटिव के खिलाफ FIR दर्ज की है.

30 सितंबर को RBI के  PMC बैंक और HDIL के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.

PMC बैंक ने HDIL को 4,355 करोड़ रुपए का लोन दिया था. सूत्रों के मुताबिक, जॉय थॉमस ने RBI को एक लेटर भेजकर कबूल किया है कि PMC ने 8,880 करोड़ की अपनी लोन बुक का करीब 75% (लगभग 6,200 करोड़) HDIL और उसके ग्रुप खातों को सैंक्शन कर दिया था. ऐसे में RBI के नियमों का उल्लंघन करते हुए PMC बैंक ने HDIL ग्रुप के लिए अपनी लोन लिमिट से 4 गुना ज्यादा लोन दे दिया.

कौन हैं वरयाम सिंह?

PMC बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह नौ साल तक HDIL के बोर्ड में थे. 2006 से 2015 तक वो कंपनी के एक डायरेक्टर थे. 2015 में बतौर चेयरमैन नियुक्त होने के लिए वधावन की कंपनी से इस्तीफा दे दिया. कंपनी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में HDIL में उनकी 1.91% हिस्सेदारी थी. HDIL के डायरेक्टर राकेश कुमार वाधवान के भाई राजेश वाधवान जो DHFL के चेयरमैन थे, वो PMC बैंक के बोर्ड में भी रहे.

30 सितंबर को RBI के  PMC बैंक और HDIL के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड बताते हैं कि वरयाम सिंह को 27 सितंबर 2010 को ब्रॉडकॉस्ट इनीशिएटिव्स लिमिटेड का निदेशक नियुक्त किया गया जो कंपनी नई दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित चैनल लाइव इंडिया को चलाती थी.

इससे पहले एक क्षेत्रीय चैनल मी-मराठी को मुंबई से रिलॉन्च किया गया जिसके लिए एक अलग से कंपनी मी-मराठी मीडिया लिमिटेड का गठन किया गया था. वधावन परिवार वरयाम सिंह को इस कंपनी में 13 मई 2010 को निदेशक के तौर पर लेकर आया. वरयाम सिंह यूपीए-2 सरकार में दो कैबिनेट मंत्रियों के नजदीकी थे. एचडीआईएल की व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उनके पास बड़ी मीडिया शक्ति थी.

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