आरबीआई ने इंडियाबुल्स हाउसिंग और लक्ष्मी विलास बैंक के बीच होने विलय का प्रस्ताव खारिज कर दिया है. लक्ष्मी विलास बैंक ने 9 अक्टूबर को मर्जर का प्रस्ताव खारिज होने की जानकारी दी. पिछले दिनों दोनों के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई थीं.
लक्ष्मी विलास बैंक ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है
आरबीआई ने 9 अक्टूबर के पत्र के जरिये जानकारी दी है कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस और इंडिया बुल्स कॉमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड के लक्ष्मी विलास बैंक में प्रस्तावित स्वैच्छिक विलय को मंजूरी नहीं दी जा सकती.
लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ शुरू हुई थी आरबीआई की कार्रवाई
इन कंपनियों ने अप्रैल में इस प्रस्तावित विलय की जानकारी दी थी. इस योजना के तहत लक्ष्मी विलास बैंक का इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस में विलय होना था. आरबीआई ने पिछले महीने लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ पीसीए (Prompt Corrective Action) शुरू किया था. पीसीए, बैंक के बढ़ते खराब कर्ज की वजह से शुरू किया गया था. बैंक के पास अपने रिस्क मैनेज के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं थी. साथ ही लगातार दो साल से इसके एसेट पर निगेटिव रिटर्न मिल रहा था.
लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ चीटिंग का मामला दर्ज हुआ था
दरअसल दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने लक्ष्मी विलास बैंक के खिलाफ चीटिंग और फंड की गड़बड़ी के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद ही बैंक के खिलाफ पीसीए की कार्रवाई शुरू हुई थी. विश्लेषकों ने उसी वक्त कहा था कि इससे लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग के बीच मर्जर में दिक्कत आ सकती है
पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मॉर्गेज पर कर्ज देने वाली कंपनी के खिलाफ जांच की मांग पर इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, सेबी, आरबीआई को नोटिस जारी किए थे. एक याचिका में कंपनी के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए गए थे और जांच कराने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने नोटिस का जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था. इससे पहले लक्ष्मी विलास बैंक और इंडियाबुल्स हाउसिंग विलय की योजना पर काम कर रहे थे. लेकिन इन शिकायतों के बाद इन कोशिशों को झटका लगा था.
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