खुदरा महंगाई दर अगस्त महीने में बढ़ कर 3.21 फीसदी पर पहुंच गई है. पिछले दस महीनों का यह सर्वोच्च स्तर है. सब्जी, दाल समेत अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई दर में इजाफा हुआ है. वहीं जुलाई में औद्योगिक उत्पादन को दिखाने वाला आईआईपी दर 4.3 फीसदी रही. हालांकि पिछले साल के इस महीने के आईआईपी की तुलना में इसमें गिरावट आई है. इस साल जून में यह दो फीसदी थी. जुलाई, 2018 में आईआईपी की वृद्धि दर 6.5 फीसदी थी.
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट
जून में इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ 1.2 फीसदी थी. जबकि मई में यह 4.6 फीसदी थी. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्यवन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के बीच औद्योगिक उत्पादन में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. पिछले साल इसी अवधि में यह ग्रोथ 5.4 फीसदी रही थी. आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई, जो जुलाई में 4.2 फीसदी की दर से बढ़ी. जबकि एक साल पहले इसकी ग्रोथ सात फीसदी थी.
निवेश का बैरोमीटर समझा जाने वाले कैपिटल गुड्स सेक्टर में भारी सुस्ती दिख रही है. जुलाई में इसकी ग्रोथ 7.1 फीसदी नीचे गिर गई. जबकि पिछले साल जुलाई में इसने 2.3 फीसदी की ग्रोथ हासिल की थी. हालांकि जुलाई में माइनिंग ग्रोथ में 4.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पिछले साल इस महीने के दौरान इसकी ग्रोथ 3.4 फीसदी थी.
जुलाई 2019 में प्राइमरी गुड्स सेक्टर में जुलाई 2018 की तुलना में 3.5 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई. वहीं इंटरमीडिएट गुड्स में 13.9 और इन्फ्रास्ट्रक्चर/कंस्ट्रक्शन गुड्स में 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की निगेटिव ग्रोथ
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की ग्रोथ - 2.7 फीसदी तक गिर गई वहीं कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स गुड्स में 8.3 फीसदी की ग्रोथ हुई. जहां तक इंडस्ट्री का सवाल है मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 23 में से 13 ग्रुप ने पॉजीटिव ग्रोथ हासिल की है. फूड प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग ने ही सबसे ज्यादा ग्रोथ हासिल की है.
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