वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने YES बैंक संकट पर शुक्रवार ( 6 मार्च, 2020) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैंक के डिपोजिटरों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. निर्मला ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यस बैंक संकट गुरुवार को ही सामने नहीं आया. सरकार को इसकी ओर से नियमों के उल्लंघन के बारे में पहले से पता था. बैंक का गवर्नेंस खराब था और यह 2017 से ही हो रहा था.
यस बैंक के कर्मचारियों का एक साल का वेतन सुरक्षित
सीतारमण ने कहा कि लोगों का बैंक में डिपोजिट सुरक्षित है. बैंक के कर्मचारियों का एक साल तक वेतन पक्का है. उन्होंने कहा कि बैंक में इक्विटी लाने के लिए पहले से कोशिश चल रही थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
वित्त मंत्री ने कहा कि जांच एजेंसियों ने यह गौर किया है चेयरमैन लेवल के लोगों ने नियमों की अनदेखी की. आरबीआई ने मुझे आश्वस्त किया है कि बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान को इसने तैयार कर लिया है. यह 30 दिन के भीतर सामने आ जाएगा. उन्होंने कहा कि 50 हजार रुपये निकालने की सीमा सिर्फ 30 दिन के लिए है.
आरबीआई की सिफारिश पर भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे प्राइवेट सेक्टर के बैंक YES BANK पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है.इस प्रतिबंध के बाद बैंक का कोई भी खाताधारक अपने अकाउंट से 50 हजार रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकता.
सरकार का यह आदेश पांच मार्च को शाम छह बजे लागू हो गया. यह प्रतिबंध फिलहाल 5 मार्च से 3 अप्रैल तक के लिए है. इस दौरान YES BANK के किसी ग्राहक के कितने भी अकाउंट क्यों न हों वे इस दौरान 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकते.
YES BANK एनपीए की समस्या से जूझ रहा है. गुरुवार ( 5 मार्च, 2020) को ब्लूमबर्ग ने खबर दी थी सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई और दूसरे वित्तीय संस्थान मिल कर यस बैंक को इस समस्या से निकालेंगे. सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है.
YES BANK को मार्च 2019 में पहली बार हुआ घाटा
YES BANK अगस्त, 2018 से संकट में है. उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर से कामकाज के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था. उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के तहत बैंक ने दबाव वाली ऐसी संपत्तियों का खुलासा किया है जिनकी जानकारी नहीं दी गई थी. बैंक को मार्च, 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ था.
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