IIT कानपुर और IIT हैदराबाद ने भविष्यवाणी की है कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त के मध्य में आएगी और मामलों की संख्या में अक्टूबर तक बढ़ोतरी होती रहेगी. लेकिन वायरोलॉजिस्ट डॉ.गगनदीप कांग का कहना है कि, ये वेरिएंट्स के प्रकारों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि अगर वेरिएंट्स ज्यादा संक्रमण वाले होंगे तो कोरोना की पहली लहर के जैसे ही मामलों की संख्या में तेजी देखी जा सकती है.
संख्याओं की भविष्यवाणी करना मुश्किल
Coalition for Epidemic Preparedness Board की उपाध्यक्ष डॉ.कांग के मुताबिक तीसरी तहर वैरिएंट्स के प्रकारों पर निर्भर करती है. अगर ऐसा होता है तो संख्याओं की भविष्यवाणी करना बहुत ही मुश्किल होगा.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि तीसरी लहर वेरिएंट्स पर निर्भर है. अगर ये वैरिएंट्स पर निर्भर करेगी तो यह भविष्यवाणी करना मुश्किल हो जाता है कि मामलों की संख्याएं क्या होंगी.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर तीसरी लहर स्ट्रेंन्स के साथ आएगी तो कोरोना के मामलों की संख्या कम होने की संभावना है. कांग ने कहा,
"अगर तासरी लहर स्ट्रेन्स पर निर्भर होगी तो हम जानते हैं कि संख्या कम होने की संभावना है. मैं वास्तव में तीसरी लहर के समय के बारे में निश्चित नहीं हूं कि अगस्त या सितंबर में तीसरी लहर आएगी या नहीं. हम जानते हैं कि यह एक ऐसा वायरस है जो पर्यावरण पर निर्भर है और हम दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में जो देख रहे हैं उससे यह मालूम चलता है कि वायरस में कुछ मौसमी तत्व भी हो सकते हैं. हमें एक और सर्दी के मौसम से गुजरना होगा और देखना होगा कि क्या परिणाम होता है."
क्या भारत में भी देखने को मिलेंगे अमेरिका जैसे हालात?
क्या भारत में भी अमेरिका जैसे कोरोना से संबंधित मामले पाए जाएंगे, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बेशक, मुझे लगता है कि जब तक वायरस के वेरिएंट्स में बदलाव होता रहेगा तब तक नए तरह के वेरिएंट्स उभरने की संभावना बहुत अधिक है. सबसे जरूरी चीज जो हम कर सकते हैं वो ये है कि जितना संभव हो सके कोशिश की जाए कि संक्रमण से बचा जा सके.
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