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कहीं दो तो कहीं चार,कोरोना टेस्ट के लिए कहां कितने दिन का इंतजार

बढ़ते कोविड केसों और ट्रैवलिंग के लिए अनिवार्य नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट ने टेस्टिंग लैब्स पर भार बढ़ा दिया है.

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भारत कोरोना वायरस महामारी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. देश में पिछले सात दिनों से लगातार दैनिक मामले एक लाख से ऊपर आ रहे हैं. कोरोना के मामलों में आई इस तेजी के बीच एक परेशान करने वाली खबर और आ रही है. बढ़ते मामलों में हमें जहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है, वहीं अलग-अलग राज्यों से टेस्टिंग रिजल्ट मिलने में देरी की खबरें सामने आ रही हैं. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में कोविड टेस्ट रिजल्ट मिलने में 48 घंटे से भी ज्यादा का समय लग रहा है.

टेस्टिंग लैब्स को 24 से 48 घंटे के अंदर रिजल्ट जारी करना होता है, लेकिन बढ़ते कोविड केसों और यात्रा के लिए अनिवार्य नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट ने टेस्टिंग लैब्स पर भार बढ़ा दिया है.
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रिजल्ट में देरी, मतलब इलाज में देरी

कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रहे दिल्ली में कोविड टेस्ट रिजल्ट मिलने में देरी हो रही है. दिल्ली में कई जगह लोगों की शिकायत है कि रिपोर्ट मिलने में 2 से 3 दिन तक का समय लग रहा है.

दिल्ली में कोविड टेस्ट करने वाली एक लैब, स्पाइसहेल्थ की तरफ से भी रिजल्ट जारी होने में देरी हो रही है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने लैब को टैग कर शिकायत की है कि 48 घंटे से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं मिल रही है.

दिल्ली के लाजपत नगर में टेस्ट कराने वाले एक शख्स ने हमें बताया कि टेस्टिंग सेंटर पर भीड़ होने के कारण वहां मौजूद कर्मचारी सही डिटेल भी नहीं लिख रहे हैं. उन्होंने बताया,

“मैं एहतियात के लिए लाजपत नगर में टेस्ट कराने के लिए गया था. वहां मेरी डिटेल लिखते समय उन्होंने मेरा गलत नंबर डाल दिया, जब मैंने सही करने को कहा तो ओवरराइटिंग करने लगीं. ये गलतियां बड़ी साबित हो सकती हैं और ये भी रिजल्ट आने में देरी का कारण हो सकता है.”

द हिंदू ने अपनी एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया, “स्पाइसहेल्थ की तरफ से मार्च में भी देरी की गई थी, लेकिन तब कम सैंपल भेजे जा रहे थे और हालात इतने नाजुक नहीं थे. लेकिन अप्रैल की शुरुआत से, स्पाइसहेल्थ ज्यादातर रिपोर्ट 48 गंटों के बाद दे रहा है, और कई 72 घंटे बाद भी नहीं मिल रही है. कई जिलों ने इसकी शिकायत की है.” रिपोर्ट के मुताबिक, स्पाइसहेल्थ के पास अभी रोजाना 25,000 सैंपल टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं.

अपनी वेबसाइट पर स्पाइसहेल्थ ने नोट जारी कर कहा है कि कोविड मामलों में तेजी के कारण उनके पास टेस्टिंग के लिए काफी RT-PCR सैंपल्स आए हुए हैं.

बढ़ते कोविड केसों और ट्रैवलिंग के लिए अनिवार्य नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट ने टेस्टिंग लैब्स पर भार बढ़ा दिया है.
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क्विंट ने नोएडा की एक टेस्टिंग लैब को फोन कर जानना चाहा कि रिपोर्ट मिलने में कितना वक्त लग रहा है. लैब ने बताया कि रिपोर्ट आने में 48 घंटे तक का समय लग सकता है.

नोएडा में ही रहने वाली एक मीडिया प्रोफेशनल ने 11 अप्रैल को दोपहर 3 बजे कोविड का टेस्ट कराया था. टेस्टिंग लैब ने हालांकि रिपोर्ट के लिए 24 से 48 घंटे का समय दिया था, लेकिन 44 घंटे बीतने के बाद भी, यानी 13 अप्रैल सुबह 11 बजे तक भी रिपोर्ट नहीं मिली थी. उन्होंने दो बार लैब को कॉल किया, लेकिन लैब की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.

ऐसा ही हाल महाराष्ट्र का भी है, जो कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है. मुंबई में लोगों ने शिकायत की है कि रिपोर्ट मिलने में 3 से 4 दिन तक का समय लग रहा है.

महाराष्ट्र में अभी कोरोना वायरस के 5.66 लाख एक्टिव केस हैं. BMC ने टेस्टिंग लैब्स को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने शिकायत की है कि 72 घंटे बाद भी रिपोर्ट नहीं मिल रही है.

ट्विटर पर कई लोगों ने टेस्ट के लिए स्लॉट मिलने में परेशानी की भी शिकायत की.

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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में 11 अप्रैल तक 21 हजार से ज्यादा सैंपल का बैकलॉग था, यानी ऐसे सैंपल जो टेस्ट किए जाने बाकी थे. मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में भी रिपोर्ट आने में 3 से 5 दिन तक का समय लग रहा है.

कोरोना रिपोर्ट में देरी का मतलब है, इलाज में देरी. अगर कोई शख्स पॉजिटिव है, और उसे टेस्ट के बाद रिपोर्ट मिलने में 4 दिन का समय लग रहा है, तो उसके इलाज में भी देरी हो रही है, जो कि काफी खतरनाक है.
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सफर करने वालों के लिए मुश्किल

उत्तराखंड समेत कई राज्यों ने प्रदेश में दाखिल होने के लिए नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया है. राज्य 72 घंटे पहले की कोविड रिपोर्ट मांग रहे हैं.

नोएडा की सेजल पांडे को 2 अप्रैल को उत्तराखंड के मसूरी जाना था. 31 मार्च को उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेला को देखते हुए RT-PCR रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया था. पांडे ने बताया कि 31 मार्च को उन्होंने करीब 3 टेस्टिंग फैसिलिटी से बात की जो 24 घंटे में रिपोर्ट देने का दावा कर रही थीं. एक फैसिलिटी से उन्हें कॉल भी आया जिसने उन्हें टेस्टिंग के लिए एक स्लॉट दिया, लेकिन टेस्टिंग के लिए कोई उनके घर नहीं आया.

पांडे ने यूपी के लिए 'मेरा कोविड केंद्र ऐप' पर करीब 10-15 सेंटर्स से बात की, लेकिन किसी ने भी 24 घंटे में रिपोर्ट देने का वादा नहीं किया.

“मुझे बिना रिपोर्ट के ही सफर करना पड़ा और बॉर्डर पर टेस्ट कराना पड़ा.”
सेजल पांडे ने क्विंट को बताया
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अब तक 25 करोड़ से ज्यादा सैंपल टेस्ट किए गए

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक, देश में कोविड के लिए अब तक 25.92 करोड़ सैंपल की जांच हो चुकी है. कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मामले भारत में हैं.

बढ़ते कोविड केसों और ट्रैवलिंग के लिए अनिवार्य नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट ने टेस्टिंग लैब्स पर भार बढ़ा दिया है.

देश में कोविड के 1.36 करोड़ मामलै हैं, जिसमें से 12 लाख एक्टिव केस हैं. इस वायरस से अब तक 1.71 लाख लोगों की मौत हो चुकी है.

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