ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिना रिसर्च बच्चों को कोरोना वैक्सीन देना नुकसानदायक हो सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

Zydus Cadila COVID-19 वैक्सीन 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए जल्द ही उपलब्ध होगी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि, अगर बच्चों को कोविड-19 की वैक्सीन (COVID 19 Vaccine) बिना किसी रिसर्च के दी जाती है तो वो खतरनाक होगा.

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर कहा कि " बिना किसी रिसर्च के बच्चों को वैक्सीन देना आपदा साबित हो सकता है." याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता कैलाश वासुदेव का कहना है कि बच्चों के वैक्सीन देने को लेकर एक तय समयरेखा होगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बच्चों के लिए वैक्सीन पर सरकार ने दी जानकारी

शुक्रवार को केंद्र ने हाईकोर्ट को कहा कि एक फार्मास्युटिकल कंपनी Zydus Cadila, जो COVID-19 वैक्सीन 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए जल्द ही उपलब्ध करेगी, इस कंपनी ने बच्चों के लिए वैक्सीन को तैयार कर उसका ट्रायल भी पूरा कर लिया है.

बता दें कि Zydus Cadila अहमदाबाद स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी है, जिसने Zycov-D के आपातकालीन उपयोग के मंजूरी के लिए अनुरोध किया था, यह दुनिया की पहली पलाजमिड DNA वैक्सीन है, जिसे तीन खुराक में देना है. सूत्रों के मुताबिक, ड्रग्स रेगुलेटर और कंट्रोलर जनरल आंफ इंडिया ने इसे आपातकालीन उपयोग की अनुमति भी दे दी है.

0

एक हलफनामे में यह कहा गया है कि संपूर्ण टीकाकरण कराना केंन्द्र की प्राथमिक जिम्मेदारी है और सौ प्रतिशत टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा करने का अथक प्रयास किया जा रहा है. 12 मई 2021 को भारत के ड्रग्स रेगुलेटर और कंट्रोलर जनरल आंफ इंडिया ने भारत बायोटेक को 12 से 18 आयु के बीच वाले लोगों पर कोवैक्सीन के ट्रायल की इजाजत दे दी है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें