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कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट पर कोवैक्सीन कारगर- ICMR स्टडी

आईसीएमआर ने कहा, Covaxin कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए 100 फीसदी कारगर

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देश में कोरोना वायरस कहर ढहा रहा है और वहीं इसकी रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है. इस बीच भारत में निर्मित कोवैक्सीन को लेकर ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने दावा किया है कि ‘कोवैक्सीन’ कोविड-19 के डबल म्यूटेंट और बाकी वैरियंट पर असरदार है.

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कोवैक्सीन को लेकर आईसीएमआर की स्टडी

ICMR ने अपनी रिसर्च के आधार पर कहा है कि भारत में निर्मित कोवैक्सीन कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरियंट के खिलाफ प्रभावी है, इसमें डबल म्यूटेंट स्ट्रेन भी शामिल है.

ICMR ने ट्वीट करते हुए लिखा कि,

ICMR की स्टडी में ये पता चला है कि कोवैक्सीन कोरोना वायरस के विभिन्न वैरियंट के खिलाफ प्रभावी है और डबल म्यूटेंट स्ट्रेन पर भी असरदार है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने ये दावा उस वक्त किया है जब देश कोरोना महामारी की चपेट में है और डबल म्यूटेंट और बाकी वैरिएंट्स को इसकी वजह बताया जा रहा है. ऐसे में कोवैक्सीन को लेकर ICMR की यह रिसर्च लोगों के लिए राहत की खबर साबित हो सकती है.

कोविड-19 से जुड़े गंभीर मामलों में भी कारगर Covaxin

कोविड-19 के लिए भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही कोवैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 78 फीसदी कारगर है, और कोविड-19 महामारी के गंभीर मामलों में यह 100 फीसदी तक असरदार है.

भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के फेज थ्री ट्रायल के अंतरिम रिजल्ट की घोषणा करते हुए कहा कि, दूसरा अंतरिम एनालिसिस कोविड-19 के 87 से ज्यादा सिम्टमैटिक मामलों पर आधारित था.

बता दें कि कोवैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा मिलकर किया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 20 अप्रैल तक देश में 13 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन का डोज दिया जा चुका है.

1 मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब 1 मई से 18 साल से ऊपर सभी लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी. सरकार ने कहा है कि 1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होगा, जिसमें सभी को वैक्सीन दी जाएगी.

इसके अलावा सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने कहा है कि फेज-3 में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां महीने की 50 फीसदी सप्लाई केंद्र को करेंगी, वहीं बाकी का 50 फीसदी वो राज्य सरकारों और ओपन मार्केट में बेच सकती हैं.

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