काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के डायरेक्टर जनरल शेखर सी मांडे ने भारत में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है. मांडे ने कहा कि अगर लोगों ने सावधानी बरतनी छोड़ दी, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
‘कोविड 19 के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया’ वर्चुअल कार्यक्रम में बोलते हुए मांडे ने कहा कि भारत हर्ड इम्युनिटी हासिल करने के जरा भी करीब नहीं है. उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की. मांडे ने कहा कि वायरस से बचने के लिए लोगों को हाथ धोने और बाकी सफाई का ध्यान रखना पड़ेगा.
मांडे ने लोगों और साइंटिफिक कम्युनिटी को चेताया कि तीसरी लहर देश के सामने अब तक आई चुनौतियों से कहीं ज्यादा खतरनाक स्थिति पैदा करेगी.
नए वेरिएंट के खिलाफ असरदार होगी कोविड वैक्सीन?
मांडे ने उम्मीद जताई कि वैक्सीन सामने आ रहे कोरोना के नए वेरिएंट्स के खिलाफ असरदार होगी. उन्होंने कहा, “इस बात को लेकर सबूत मजबूत नहीं हैं कि वैक्सीन म्यूटेटेड वायरस के खिलाफ असरदार नहीं होगी. हम ये मानना चाहेंगे कि वैक्सीन असर करेगी.” उन्होंने बताया कि वैक्सीन पूरे वायरस के खिलाफ असर करती हैं, वहीं म्यूटेशन केवल वायरस के एक पार्ट पर होता है.
इन कारणों से कम हुआ कोरोना का असर?
CSIR चीफ ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट हर्ड इम्युनिटी की वजह से नहीं, बल्कि दूसरे कारणों से आई है. उन्होंने कहा कि मामलों में गिरावट का एक बड़ा कारण मास्क पहनना और लोगों का सर्दियों में बाहर बैठना भी है.
मांडे ने कहा कि वायरस खुले वातावरण में कम खतरनाक होता है, इसलिए ही सर्दियों में इसपर लगाम लगाई जा सकी. उन्होंने आगे कहा कि इसी वजह से पश्चिमी देशों में संक्रमण ज्यादा फैल गया, जहां लोग सर्दियों में घरों के अंदर ही रहे.
महाराष्ट्र में बढ़ रहे मामले
पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत कोरोना वायरस पर लगाम लगाने में काफी हद तक कामयाब रहा है. हालांकि, महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में मामले बढ़ने के बाद सरकार सख्त कदम उठा रही है.
भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 11.11 करोड़ पार कर चुकी है. अब तक 1.57 लाख लोग इस वायरस के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, अब तक करीब डेढ़ करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी गई है.
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