एक मृत मेडिकल छात्रा के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) के एक याचिका दायर की है. उन्होंने एक हजार करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग है, उनका दावा है कि उनकी बेटी की मौत कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine) के साइड इफेक्ट के कारण हुई थी.
याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत ने दावा किया कि उनकी बेटी स्नेहल लुनावत को आश्वासन दिया गया था कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और शरीर के लिए कोई जोखिम या खतरा नहीं है. इसलिए उन्हें कॉलेज में वैक्सीन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता थीं.
अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को वैक्सीन लेने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि को स्वास्थ्य कर्मी थी वहीं डीसीजीआई और एम्स के निदेशक द्वारा झूठा आश्वासन दिया गया कि वैक्सीन सुरक्षित हैं. यह नैरेटिव राज्य के अधिकारियों द्वारा सत्यापन करने के बिना ही आगे बढ़ाया गया.
उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने 28 जनवरी, 2021 को वैक्सीन ली थी और उसके साइड इफेक्ट के कारण 1 मार्च, 2021 को उसका निधन हो गया था.
याचिकर्ता ने तर्क दिया कि 2 अक्टूबर, 2021 को केंद्र सरकार की एईएफआई समिति ने स्वीकार किया कि उनकी बेटी की मौत कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण हुई थी.
बता दें कि याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत ने रिट याचिका में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII), सीरम इंस्टिट्यूट के पार्टनर बिल गेट्स, महाराष्ट्र सरकार, भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, डीसीडीआई, डॉ रणदीप गुलेरिया पर आरोप लगाया है.
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