बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Election 2020) की तारीखों का आज ऐलान हो सकता है. तीन चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को शुरू होगी और 10 नवंबर को रिजल्ट आएंगे. कोरोना काल में देश का पहला विधाानसभा चुनाव होने जा रहा है. ऐसे में बिहार चुनाव से जुड़ी अहम बातें हम आपको बता रहे हैं. जैसे कितने वोटर, कितनी सीटें, पिछले चुनाव में किसका क्या हाल रहा?
बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है. मतलब इससे पहले चुनाव पूरा होना है.
बिहार चुनाव में कितने वोटर
बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 18 लाख के आसपास है. फरवरी 2020 के आंकड़ों के मुताबिक पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की संख्या तकरीबन 78 लाख है. वहीं 18 से 40 साल की उम्र के 4 करोड़ से भी ज्यादा वोटर हैं. मतलब आधे से ज्यादा वोटर युवा हैं.
बिहार में सीट और उसका गणित
बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीट हैं. मतलब 243 विधायकों का चुना जाना. इन सीटों में 38 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं. वहीं दो सीटें अनुसूचित जनजाति वर्गों के लिए आरक्षित हैं. फिलहाल कोरोना को देखते हुए पोलिंग बूथ की संख्या भी बढ़ाकर 1,06,000 हो गई है.
बिहार में जाति फैक्टर
बिहार चुनाव में जाति एक बड़ा फैक्टर है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि किस जाति का कितना वोट प्रतिशत है और राजनीतिक पार्टियां कैसे उनको रिझाने की कोशिश करती हैं.
बिहार में किसी भी एक जाति का अकेला प्रभाव नहीं है. अगर वोट बैंक की बात करें तो बीजेपी और आरजेडी के पास मोटे तौर पर अपने निश्चित वोट बैंक हैं. ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ के कुल वोट 17.2 प्रतिशत हैं. कांग्रेस के कमजोर हो जाने के बाद सवर्ण वोट बैंक पर बीजेपी का एकाधिकार-सा हो चुका है.
वहीं आरजेडी के पास एम-वाय समीकरण है. 14.4 प्रतिशत यादव और 14.7 प्रतिशत मुस्लिम मिलकर 29.1 फीसदी वोट.
इसके अलावा 7.1 फीसदी वैश्य (बनिया) वोटर. वहीं दलित-महादलित वोटर करीब 14.2 फीसदी हैं. इसके अलावा कुर्मी 5 फीसदी, कोइरी 6.4 फीसदी और आदिवासी 1.5 फीसदी है.
2015 विधानसभा चुनाव में किसे मिला कितना वोट
2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी, LJP, उपेंद्र कुशवाहा की RLSP और जीतनराम मांझी की ‘हम’ ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वहीं महागठबंधन में लालू यादव की आरजेडी, नीतीश कुमार की जेडीयू और कांग्रेस साथ थी. लेकिन अब एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी हो चुकी है, और फिलहाल आरएलएसपी महागठबंधन के साथ है.
2015 के चुनाव में एलजेपी ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं बीजेपी 157 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद सिर्फ 53 सीट ही जीत पाई थी.
वहीं आरजेडी, जेडीयू 101-101 सीटों पर और कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें से आरजेडी को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
अगर सीटों की बात करें तो 2015 में एनडीए की पार्टियों को कुल 58 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तब बीजेपी को 24.42 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं महागठबंधन में आरजेडी को 18.4 फीसदी वोट मिले थे.
कोरोना काल में चुनाव
चुनाव आयोग ने कोरोना को देखते हुए पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी थी. ऑनलाइन नामांकन भरने से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जैसे नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा.
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