सीटों की संख्या देखें तो दिल्ली में केजरीवाल को बड़ी जीत मिली है, लेकिन चुनाव नतीजों को जरा बारीकी से देखें तो कई और बातें पता चलती हैं. जैसे 2020 चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 2015 के बराबर ही है, जबकि बीजेपी का बढ़ा है और कांग्रेस का घटा है... इसका विश्लेषण करेंगे तो समझ में आएगा कि किसका वोटर किधर गया और जो नतीजे आए हैं वो ऐसे क्यों आए हैं.
दिल्ली 2020: पार्टियों का वोट शेयर
- आम आदमी पार्टी- 53.48%
- बीजेपी- 38.79%
- कांग्रेस- 4.29%
दिल्ली 2015: पार्टियों का वोट शेयर
- आम आदमी पार्टी- 54.59%
- बीजेपी- 32.78%
- कांग्रेस- 9.70%
(शाम 4 बजे तक के आंकड़े)
आप, बीजेपी, कांग्रेस के अलावा बीएसपी, सीपीआई, सीपीआईएम, एलजेपी, एनसीपी, जेडीयू का वोट शेयर दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहले से गिरा है.
वोट शेयर के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता लगता है कि आम आदमी पार्टी ने अपने वोटर से पकड़ ढीली नहीं की है. बीजेपी का वोट शेयर लगभग 6 फीसदी बढ़ा है. मगर रोचक तथ्य ये है कि बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से वोट नहीं झटके हैं, बल्कि उसने कांग्रेस का वोट काटा है. क्योंकि जहां बीजेपी को 6 फीसदी ज्यादा वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में लगभग 5 फीसदी की कमी आई है.
एक बात और ये है कि वोट शेयर को देखें तो समझ में आता है कि दिल्ली में वाकई में सिर्फ दो पार्टियों के बीच मुकाबला था. अगर आप बीजेपी और आम आदमी पार्टी के वोट परसेंटेज को मिला दें तो ये करीब 92 परसेंट आता है. कांग्रेस और बाकी पार्टियां महज 8 परसेंट वोटों में सिमट गईं.
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