मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा कि भारत ने 70 वर्षों में अपने सामाजिक, राजनीतिक और भाषाई मुद्दों को शांतिपूर्वक संवाद के माध्यम से स्थिर किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा मुख्य रूप से स्थापित लोकतंत्र के कारण हुआ है जो इलसिए हो पाया क्योंकि लोगों को चुनाव परिणामों पर भरोसा था, लेकिन फिर भी यहां चुनाव आयोग को हर चुनाव के बाद 'अग्निपरिक्षा' से गुजरना पड़ता है.
उन्होंने यह टिप्पणी शनिवार 11 मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में इस सवाल के जवाब में की. उनसे सवाल किया गया था कि क्या कर्नाटक के लोग राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव (Karnataka Elections 2023) के लिए चुनाव आयोग पर भरोसा कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में चुनाव संपन्न होने के साथ ही चुनाव आयोग ने 400वां राज्य विधानसभा चुनाव पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा कि 17 लोकसभा चुनाव और 16 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव हुए हैं.
उन्होंने कहा, "चुनाव के बाद परिणाम स्वीकार किए जाते हैं और सत्ता का परिवर्तन हर बार मतपत्र द्वारा सुचारू रूप से किया जाता है. हाल ही में कई विकसित देशों में भी जो कुछ हो रहा है, यह उसकी तुलना में है."
एक अन्य सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि झूठी कहानी और प्रलोभन एक बड़ी चुनौती है.
चुनावी तैयारियों का आकलन करने के लिए पोल पैनल कर्नाटक में था.
राज्य विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है और इससे पहले चुनाव कराकर नई विधानसभा का गठन किया जाना है.
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