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कमलनाथ ने की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे कमलनाथ

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्टेट कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है. कमलनाथ ने ये फैसला लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद लिया है. इससे पहले कमलनाथ लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा के लिए शनिवार को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के साथ ही अब मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के सामने भी संकट खड़ा हो गया है. खबर तो ये भी है कि कमलनाथ शनिवार को इसी वजह से कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचे, क्योंकि उन्होंने भोपाल में विधायक दल की बैठक बुलाई थी.

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लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में सिर्फ मुख्यमंत्री के बेटे की जीत

लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बुरी हार हुई है. राज्य की 29 लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट पर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने ही छिंदवाड़ा सीट से जीत हासिल की है. बाकी की सभी 28 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को बीजेपी से हार का सामना करना पड़ा है.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की बुरी स्थिति तब हुई है, जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में पार्टी के बुरे प्रदर्शन का ठीकरा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर फूटा है. फिलहाल, कमलनाथ पार्टी नेताओं और सरकार में शामिल मंत्रियों के साथ बैठकें कर हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट- रिपोर्ट्स

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मध्य प्रदेश में बीजेपी दावा कर रही है कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है. राज्य में बीजेपी बहुमत के आंकड़े के बहुत ज्यादा दूर नहीं है. केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार के आने के बाद कमलनाथ सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. कांग्रेस नेताओं को आशंका है कि बीजेपी केंद्र के बाद राज्य की सत्ता पर काबिज होने का दांव चल सकती है.

कुछ महीने पहले मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बीजेपी को यहां 109, बीएसपी को 2, एसपी को 1 और निर्दलीय को 4 सीटें मिली थीं. कांग्रेस और बीजेपी में महज 5 सीटों का ही फासला था. लेकिन एसपी-बीएसपी और निर्दलीय के समर्थन से कांग्रेस ने यहां सरकार बना ली थी.

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