लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में यूपी की 10 सीटों पर मतदान होने जा रहा है. 23 अप्रैल को होने वाले इस वोटिंग में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला होना है. यूपी में बीएसपी, आरएलडी और एसपी मिलकर चुनाव में उतरे हैं. कांग्रेस ने शुरुआत में इस गठबंधन में की कोशिश की थी लेकिन ये कोशिश कामयाब नहीं हो पायी थी.
मुरादाबाद में होगा त्रिकोणीय संघर्ष?
मुरादाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बीजेपी ने कुंवर सर्वेश कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से गठबंधन ने समाजवादी पार्टी के एसटी हसन को टिकट दिया है. इस सीट पर चार निर्दलीय उम्मीदवार समेत कुल 13 उम्मीदवार मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और गठबंधन के कैंडिडेट के बीच होने की उम्मीद है.
रामपुर में आजम-जया प्रदा के बीच है मुकाबला
तीसरे चरण में यूपी की सबसे हॉट सीट में से एक रामपुर पर बेहद दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है. यहां से बीजेपी ने पूर्व सांसद जया प्रदा को टिकट दिया है. इस बार उन्होंने एसपी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर लिया है. उनके खिलाफ गठबंधन ने आजम खान को मैदान में उतारा है. आजम समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता हैं. कांग्रेस ने इस सीट से संजय कपूर को अपना उम्मीदवार बनाया है. चार निर्दलीय उम्मीदवार सहित इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं.
संभल को क्या वापस ले पायेगी एसपी?
इस सीट से कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. कांग्रेस ने जहां मेजर जगत पाल सिंह को यहां से मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने परमेश्वर लाल सैनी को टिकट दिया है. गठबंधन ने यहां से समाजवादी पार्टी के शफीकुर रहमान बर्क को अपना कैंडिडेट बनाया है. तीन निर्दलीय उम्मीदवार यहां से मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
फिरोजाबाद में ‘चाचा-भतीजा’ के बीच जंग
कांच की चूड़ियों के लिए मशहूर इस लोकसभा सीट से कुल 6 उम्मीदवार मैदान में हैं. गठबंधन ने समाजवादी पार्टी के अक्षय यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर असल मुकाबला चाचा शिवपाल यादव और उनके भतीजे अक्षय यादव के बीच होने की संभावना है. शिवपाल यादव ने एसपी से अलग होकर अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई है. बीजेपी ने चंद्र सेन जादोन को अपना उम्मीदवार बनाया है. दो निर्दलीय उम्मीदवार भी यहां से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.
मैनपुरी से मुलायम फिर से मैदान में
मैनपुरी सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. इस सीट से समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव चुनाव जीतते रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में भी इस सीट पर मुलायम चुनाव जीत गए थे. बीजेपी ने प्रेम सिंह शाक्या को मैदान में उतारा है. वहीं गठबंधन के संयुक्त कैंडिडेट के रूप में मुलायम सिंह एक बार फिर से मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यहां से कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
एटा से कल्याण सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर
एटा सीट से पांच निर्दलीय उम्मीदवार सहित कुल 14 उम्मीदवार इस लोकसभा चुनाव में अपना दांव आजमा रहे हैं. गठबंधन के कैंडिडेट के रूप में समाजवादी पार्टी के देवेंद्र सिंह यादव को यहां से टिकट दिया गया है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया को बीजेपी ने टिकट दिया है. इस सीट से मुख्य मुकाबला बीजेपी और गठबंधन के बीच रहने की संभावना है.
बदायूं से धर्मेंद्र यादव की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
बदायूं लोकसभा सीट से कुल नौ उम्मीदवार मैदान में हैं. धर्मेंद्र यादव को गठबंधन ने समाजवादी पार्टी से टिकट दिया है. बीजेपी ने संघमित्रा मौर्या को अपना कैंडिडेट बनाया है. कांग्रेस ने भी अपना कैंडिडेट सलीम इकबाल शेरवानी को यहां से मैदान में उतारा है. इसके अलावा चार निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं. 2014 के चुनाव में मोदी लहर में भी ये सीट समाजवादी पार्टी के पास थी और धर्मेंद्र यादव ने इस सीट से जीत दर्ज किया था.
आंवला सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
आंवला लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस और गठबंधन के बीच रहने की संभावना है. इस सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने धर्मेंद्र कश्यप को अपना कैंडिडेट बनाया है. गठबंधन ने बीएसपी के रुचिवीरा को अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने भी कुंवर सर्वराज सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.
बरेली के मौजूदा बीजेपी के सांसद के भाग्य फैसला
बरेली लोकसभा सीट से इस फेज में सबसे अधिक 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने प्रवीण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. गठबंधन ने समाजवादी पार्टी के भागवत सरन गंगवार को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी ने मौजूदा सांसद संतोष कुमार गंगवार को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा पांच निर्दलीय उम्मीदवार भी यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
पीलीभीत से मेनका की प्रतिष्ठा दांव पर
पीलीभीत से बीजेपी ने वरुण गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है. वरुण इससे पहले सुल्तानपुर सीट से लोकसभा में पहुंचे थे. इस सीट पर उनकी मां मेनका गांधी का कब्जा था. इस बार बीजेपी ने मां-बेटे की सीट आपस में बदल कर टिकट दिया है. वहीं गठबंधन ने समाजवादी पार्टी के हेमराज वर्मा को टिकट दिया है. इस सीट पर जेडीयू और शिवसेना ने भी उम्मीदवार खड़े किये हैं. छह निर्दलीय सहित कुल 13 उम्मीदवार इस सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
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