वाराणसी लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पीएम मोदी को चुनौती देने जा रहे पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर अब समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ेंगे. सोमवार को समाजवादी पार्टी ने चौंकाने वाला ऐलान करते हुए कहा कि वाराणसी सीट से घोषित उम्मीदवार शालिनी यादव की जगह अब तेज बहादुर चुनाव मैदान में उतरेंगे.
एसपी ने दिया टिकट, वाराणसी से गठबंधन के उम्मीदवार होंगे तेज बहादुर
तेज बहादुर ने पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर वाराणसी से नामांकन दाखिल किया था. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ेंगे.
तेज बहादुर यादव ने बलों में खराब गुणवत्ता का खाना दिए जाने की शिकयत की थी. बीएसएफ के कांस्टेबल को 2017 में बर्खास्त कर दिया गया. ऐसा तेज बहादुर द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर सुरक्षा कर्मियों को खराब गुणवत्ता का खाना दिए जाने की शिकायत के एक वीडियो के बाद किया गया.
एसपी ने पहले शालिनी यादव को बनाया था उम्मीदवार
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए शालिनी यादव को वाराणसी में एसपी-बीएसपी के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा था.
शालिनी यादव को एक कमजोर प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा था. राजनीतिक हलकों में उनकी कोई खास पहचान भी नहीं थी. इससे पहले साल 2017 में उन्होंने वाराणसी से कांग्रेस के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. शालिनी यादव राज्यसभा के पूर्व उप सभापति श्यामलाल यादव की बेटी हैं.
समाजवादी पार्टी के सूत्रों के अनुसार क्षेत्र का कोई भी बड़ा पार्टी नेता इस सीट से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था. इसलिए पार्टी ने यहां से शालिनी को लड़ाने का फैसला किया था. लेकिन अब तेज बहादुर को जन समर्थन मिलता देख समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बना दिया है.
वाराणसी सीट पर बीजेपी का है कब्जा
साल 2009 में बीजेपी उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी ने यह सीट जीती थी. साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को 3.75 लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इसके बाद से यह वीवीआईपी सीट बन गई है. वाराणसी में मतदान अंतिम चरण में 19 मई को होना है.
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