यूपी के रण के दूसरे चरण में 9 जिलों की महत्चपूर्ण 55 सीटें पर वोट डाले जा चुके हैं. 586 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 2.02 करोड़ वोटर ने ईवीएम में कैद कर दिया है. उत्तर प्रदेश में सेकंड फेज में 5 बजे तक कुल 60.44% मतदान का आंकड़ा सामने आया है और इसने पश्चिमी यूपी के इस हिस्से की चुनाव बाद की तस्वीर के कुछ संकेत भी दिए हैं.
नकाब-हिजाब कंट्रोवर्सी इस समय देश में चरम पर है और आज यूपी के जिन 9 जिलों में वोट डाले गए हैं, वहां इस मुद्दे से प्रभावित होने वाली मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है. रामपुर में 50%, बिजनौर में 43%, बदायूं 23%, सहारनपुर 42%, बरेली 34%, अमरोहा 41%, संभल 33% और मुरादाबाद में 50% तक मुस्लिम आबादी है.
इस समीकरण पर गौर किया जाए तो वर्तमान माहौल में इस इलाके में बीजेपी के लिए तगड़ी चुनौती है, पर इसके बावजूद वोटिंग के दौरान मुस्लिमों के पहनावे बुर्के पर प्रहार जारी रहा. पोलिंग के दौरान ही बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि दूसरे चरण के दौरान राज्य में बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान कराया जा रहा है.
बुर्कानशीं खातूनों की पहचान के बिना ही उनसे वोट पड़वाए जा रहे हैं. अमरोहा में तो खुद भाजपा प्रत्याशी राम सिंह सैनी ने सामने आकर बुर्का पहनकर फर्जी वोटिंग करने के आरोप लगाए.
जब 14 फरवरी की सुबह से ही कर्नाटक के मांड्या जिले के एक सरकारी स्कूल में हिजाब पहनी छोटी बच्चियों को बाहर ही रोकने का एक वीडियो खबरों की सुर्खियां बना रहा और हर ओर से इस मुद्दे पर विरोध के सुर उठ रहे हैं, ऐसे में भाजपा का मुस्लिम बाहुल्य इस बेल्ट के चुनाव के दौरान बुर्के को लेकर यह रुख चौंकाने वाला है.
ऐसा मतदान बीजेपी के लिए चुनौती
मुस्लिम बाहुल्य सीटों का वोटिंग ट्रेंड भी भाजपा के लिए तगड़ी चुनौती बन सकता है. रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर जैसे जिलों में मुस्लिम आबादी का औसत 40% से ज्यादा है और यहां वोटिंग का औसत 55% तक रहा है. साफ हैं कि मुस्लिम आबादी ने खुलकर लोकतंत्र के उत्सव में हिस्सा लिया और सुर्ख स्याही लगी जिस उंगली से इन्होंने ईवीएम का बटन दबाया होगा, उसमें हाल के हिजाब-नकाब और बुर्के के मुद्दे के गूंंज उनके मन के किसी कोने में जरूर उठी होगी.
पूरे जिलों की बात छोड़कर केवल असेंबली सीटों के वोटिंग ट्रेंड पर ही गौर किया जाए तो भी हमें इस चरण में हिजाब के मुद्दे की गूंज की अंदाजा सहज ही हो जाएगा. बेहट में 72.21%, अमरोहा नगर में 65.76%, कुंदरकी में 65.48%, धामपुर में 63.94%, सहारनपुर देहात में 63.00%, मुरादाबाद ग्रामीण में 59.48%, रामपुर सदर में 56.20% और संभल 57.40% वोट पड़े. ये सभी सीटें प्रदेश में मुस्लिमों की बड़ी आबादी वाली है और इन पर मुस्लिमों के वोट 55 प्रतिशत तक हैं. इन मुस्लिम बाहुल्य सीटों औसतन 55.05 प्रतिशत तक वोटिंग हुई है.
इनके साथ ही मुस्लिम बाहुल्य वाली अन्य सीटों को जोड़़ते हुए उनका मतदान का औसत निकाला जाए तो यह 60.32 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. मुस्लिम बाहुल्य 12 फीसदी सीटों से तो यह रिपोर्ट आई है कि यहां दूसरे चरण की अन्य सीटों के मुकाबले 3% तक ज्यादा वोटिंग हुई है. एक आंकड़ा यह भी गौर करने योग्य है कि दूसरे चरण के चुनाव वाले जिलों में रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर यूपी के वे टॉप 4 जिले हैं जहां पर मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है.
कुल मतदान पहले की अपेक्षा गिरा
भाजपा के लिए यह आंकड़ा भी चिंता देने वाला हो सकता है कि दूसरे चरण के इन नौ जिलों में कुल मतदान पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले में पांच प्रतिशत तक कम रहा है.
साल 2017 में इन जिलों में 65.53 प्रतिशत तक वोट पड़े थे, वहीं इस बार यह प्रतिशत मात्र 60.44 ही रहा है. चुनावों का इतिहास गवाह रहा है कि जब जब वोटिंग का प्रतिशत बढ़ता है, तब तब बीजेपी को इसका फायदा रिजल्ट में होता ही है. वोटिंंग में कमी से अन्य पार्टियों का वोट बैंक तो नहीं कटता पर बीजेपी की झोली में आने वाला वोट ही कम होता है.
दूसरे चरण का जातीय गणित
हालांकि क्विंट हिंदी के इस विश्लेषण में इस चुनावी चरण वाले यूपी के क्षेत्र में मुस्लिम वोट बैंक की इंपोर्टेंस को काफी विस्तार से समझाया गया है, पर साथ ही यह भी जान लें कि वेस्ट यूपी के इस रीजन में दलितों, उच्च जाति के मतदाताओं और गैर-यादव ओबीसी की भी काफी बड़ी तादाद शामिल है. जिन्हें बीजेपी पहले के चुनावों में अपनी ओर सफलतापूर्वक खींच चुकी है.
पहले चरण में जिन सीटों पर चुनाव हुआ था, वहां जाट वोट बैंक काफी प्रभावी था, जिसकी दम पर एसपी-आरएलडी गठबंधन खुद को फायदा होने का दावा कर रहा है. पर दूसरे चरण के इस रीजन में जाट वोट बड़ी संख्या में नहीं हैं. ओबीसी वोट बैंक में भी कुर्मी और सैनी जैसी जातियां काफी तादाद में हैं. कुर्मी अधिक संख्या में हैं. इस वोट बैंक पर तो बीजेपी के प्रभाव से तो कोई इंकार नहीं कर सकता.
ओबीसी बाहुल्य जिले बरेली जिले के पिछले विधानसभा परिणामों ने बीजेपी की इस वोट बैंक पर पकड़ खुलकर प्रदर्शित कर दी थी, जहां की सभी नौ सीटें जीत बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था. इस चरण में आज हुई ओबीसी वर्ग की वोटिंग का थोड़ा सा भी स्विंग पार्टियों के मुकद्दर के लिए बहुत निर्णायक हो सकता है. 2017 में इन 55 सीटों में से 38 सीटें बीजेपी ने जीती थी और 15 सीटें सपा ने और 02 सीटें कांग्रेस ने जीती थी. 9 जिलों की इन 55 सीटों पर 11 मुस्लिम विधायक जीते थे.
आज के मतदान के चर्चित अपडेट
आजम खान के जिले रामपुर में फर्जी वोटिंग करते हुए पुलिस ने 2 महिलाओं को हिरासत में लिया. जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार दोनों मां-बेटी हैं. इनमें से एक ने फर्जी वोट डाल भी दिया था.
सहारनपुर के सरसावां में बूथ नंबर 227 पर राशिद अली खान नाम के पीठासीन अधिकारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. वह सड़क दुधली के एक स्कूल में टीचर थे.
एन चुनाव के दिन ही लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जेल से रिहाई में फंसा पेंच दूर हो गया. उनकी जमानत के कोर्ट ऑर्डर में धाराओं को लेकर फंसी क्लेरिकल मिस्टेक को कोर्ट ने बेल ऑर्डर में 302, 120B जोड़ नया आर्डर जारी करने का आदेश दिया है. इससे वह जेल से बाहर आ जाएंगे.
वोटिंग के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिजाब कंट्रोवर्सी पर बयान देते हुए कहा कि यूनिफॉर्म स्कूल के अनुशासन का मामला है. मैं भी सबको भगवा पहनने का आदेश नहीं दे सकता.
सपा ने चुनाव आयोग से कई शिकायतें की. मुरादाबाद ग्रामीण में साइकिल का बटन दबाने पर कमल की पर्ची निकलने की शिकायत एक वोटर का वीडियो शेयर करते हुए की. वहीं संभल की विधानसभा चंदौसी पर फर्जी वोटिंग की शिकायत की.
भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने अमरोहा में अपना वोट दिया.
बदायूं में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. उन्हें वोट डालने के लिए मनाने प्रशासन आखिर तक जुटा रहा.
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