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चुनाव 2019: फेज-2 में अंबेडकर की पार्टी Cong-NCP का करेगी नुकसान?

कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का गणित कई सीटों पर प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी बिगाड़ती दिख रही है.

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2019 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान हो चुका है. महाराष्ट्र की 10 सीटों पर हुए मतदान के बाद जो जानकारी राजनीतिक विश्लेषकों से मिल रही है, उसके मुताबिक कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का गणित कई सीटों पर प्रकाश अम्बेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी बिगाड़ सकती है.

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पहले बात कांग्रेस के दो बड़े दिग्गजों की

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण 2014 की मोदी लहर के बावजूद अच्छे मार्जिन के साथ जीते थे. उम्मीद थी कि 2019 के इस चुनाव में अशोक चव्हाण को मुश्किल नहीं होगी, लेकिन वंचित बहुजन अघाड़ी ने चव्हाण के लिए नांदेड़ में मुकाबला खड़ा कर दिया है.

2014 में नांदेड़ में 60% वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार 60% से ज्यादा वोट पड़े हैं. अशोक चव्हाण का नांदेड़ में मुकाबला बीजेपी के प्रतापरव चिखलिकार और VBA के यशपाल भीगने के साथ है.

नांदेड़ की तरह की सोलपुर सीट पर भी VBA फैक्टर कांग्रेस की दिक्कत बढ़ाता दिख रहा है.

सोलापुर का त्रिकोणीय संघर्ष

सोलापुर से कांग्रेस के दिग्गज सुशील कुमार शिंदे एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय है. बीजेपी ने सोलापुर से लिंगायत धर्मगुरु राज सिद्धेश्वर महाराज को मैदान में उतारा है, तो वंचित बहुजन अघाड़ी की तरफ से प्रकाश अम्बेडकर खुद मैदान में है.

जानकारों का कहना है कि दलित और मुस्लिम वोटों के बंटवारे की वजह से दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. वोट बंटवारे का सीधा फायदा बीजेपी उम्मीदवार को होने का अनुमान है.

परभणी और उस्मानाबाद से कांग्रेस-NCP के लिए अच्छी खबर मुमकिन

परभणी और उस्मानाबाद लोकसभा से कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के लिए अच्छी खबर आने की संभावना है. परभणी लोकसभा क्षेत्र शिवसेना का गढ़ रहा है. 2014 के चुनाव में मौजूदा सांसद संजय हरिभाऊ जाधव ने 1,27,155 वोट से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार एनसीपी ने यहां से राजेश विटेकर को मैदान में उतारा है, जो इलाके में काफी लोकप्रिय हैं. वे मौजूदा जिला परिषद अध्यक्ष हैं.

ऐसे में उम्मीद है कि ग्रामीण इलाके में जो मतदान में बढ़ोतरी हुई है, उसका सीधा फायदा एनसीपी के राजेश विटेकर को मिलता दिख रहा है.

उस्मानाबाद में भी शिवसेना की भीतर लड़ाई का फायदा एनसीपी के कैंडिडेट राणा जगजीत सिंग पाटिल को मिलता दिख रहा है. शिवसेना ने यहां से मौजूदा सांसद रवींद्र गायकवाड़ का टिकट काट कर ओम्राजे निम्बलकर को दिया था. जानकारों की मानें, तो इस सीट पर NCP का पलड़ा भारी दिख रहा है.

बीड और लातूर सीट पर BJP का दबदबा कायम रह सकता है

सियासी जानकारों की मानें, तो मराठवाड़ा की बीड और लातूर सीट पर BJP का दबदबा फिर एक बार देखने को मिल सकता है. पश्चिम विदर्भ की तीन सीटों के लिए हुए मतदान में भी वंचित बहुजन आगाड़ी कई सीटों पर कांग्रेस NCP का खेल बिगाड़ती हुए दिख रही है, जिसका सीधा फायदा BJP को होता दिख रहा है.

उदाहरण के तौर पर अकोला की सीट जहां से खुद प्रकाश अंबेडकर वंचित बहुजन आघाड़ी के उम्‍मीदवार के तौर पर मैदान में है, वहां वोटों के बंटवारे की वजह से बीजेपी के संजय धोतरे को फायदा होता दिख रहा है. कांग्रेस के वोट बंटने का फायदा धोतरे को हो सकता है.

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