पीएम मोदी के ओडिशा दौरे के दौरान उनके हेलिकॉप्टर की तलाशी लेने वाले एक आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन को संस्पेंड कर दिया गया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया. आखिर कौन है मोहम्मद मोहसिन जो पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की तलाशी को लेकर चर्चा में हैं?
मोहसिन 1996 बैच के कर्नाटक कैडर के IAS अधिकारी हैं, उन्हें जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया था. मंगलवार को जब पीएम मोदी रैली के लिए संबलपुर पहुंचे थे, उस समय उनकी टीम ने पीएम के हेलिकॉप्टर की तलाशी थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संबलपुर में प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच करना निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था. एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट मिली होती है. तलाशी की वजह से पीएम को 15 मिनट तक रुकना पड़ा था.
वैसे मोहसिन ने सिर्फ पीएम मोदी के हेलिकॉप्टर की ही तलाशी नहीं ली, बल्कि उन्होंने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान के भी हेलिकॉप्टर की तलाशी ली थी.
जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने मोहम्मद मोहसिन को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया.
बिहार के हैं मोहसिन
मोहसिन बिहार के पटना से हैं, उनकी पढ़ाई भी पटना से ही हुई है, पटना यूनिवर्सिटीं से एमकॉम करने के बाद वो सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए देश की राजधानी दिल्ली आए. मोहसिन 1996 बैच के आईएस अधिकारी बने. मोहसिन कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग और दूसरे डिपार्टमेंट में भी अधिकारी रह चुके हैं.
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विपक्ष ने उठाया सवाल
मोहम्मद मोहसिन से सस्पेंड किये जाने पर विपक्ष न सरकार पर सवाल उठाया है. कांग्रेस ने कहा कि वो अधिकारी अपनी ड्यूटी कर रहा था. उसे आखिर क्यों हटाया क्या. आखिर पीएम मोदी अपने हेलिकॉप्टर में ऐसा क्या लेकर जा रहे थे जो देश से छिपाना चाहते थे.
ओडिशा में पांच लोकसभा सीटों और 35 विधानसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान हो रहा है. इन लोकसभा सीटों पर पिछले चुनाव में बीजू जनता दल ने चार पर और भारतीय जनता पार्टी ने सुंदरगढ़ सीट पर कब्जा जमाया था.
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