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‘मलेफिसेंट’ चुनने में आराध्या ने निभाया क्या रोल,ऐश्वर्या ने बताया

ऐश्वर्या राय बच्चन ने ‘मलेफिसेंट’ में दी है एंजलीना जोली के किरदार को आवाज

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कैमरा: गौतम शर्मा

एडिटर: वीरू कृष्ण मोहन

एक्टर ऐश्वर्या राय बच्चन ने डिज्नी की फिल्म 'मलेफिसेंट 2' के हिंदी वर्जन में अपनी आवाज दी है. ऐश्वर्या, एंजेलिना जोली के कैरेक्टर की आवाज बनी हैं. क्विंट से खास बातचीत में ऐश्वर्या ने बताया कि उन्होंने क्यों इस फिल्म का हिस्सा बनने का फैसला किया. साथ ही इसमें उनकी बेटी आराध्या ने क्या रोल प्ले किया.

ऐश्वर्या ने ये भी बताया कि वो बेटी आराध्या के साथ इतना ट्रैवल कैसे मैनेज करती हैं.

मुझे लगता है आपको ज्यादा सोचना नहीं पड़ा होगा मलेफिसेंट को ‘हां’ कहने के लिए, क्योंकि आपके घर में एक डिज्नी फैन हैं आराध्या?

हां, सबसे इंटरेस्टिंग बात है कि हमने ‘मलेफिसेंट’ नहीं देखी थी. जब मुझे पहली बार मूवी के लिए पूछा गया, उसके तीन दिन पहले ही हमने ‘मलेफिसेंट’ देखी थी.  फिर हमें पता लगा कि मलेफिसेंट, ऑरोरा की गॉडमदर है. मलेफिसेंट हमारी पसंदीदा किरदार थी. और तीन दिन बाद मुझे मूवी में वॉयस ओवर करने के लिए मेल आया. मैं आराध्या के साथ थी और अगली सुबह के लिए स्कूल का अलार्म सेट कर रही थी, तो मैंने बोला ‘मलेफिसेंट’, लेकिन आराध्या ने सुन लिया और उसने कहा, ‘मम्मा ‘मलेफिसेंट’. मैंने उसे बताया कि ये केवल वॉयस ओवर के लिए है, मूवी के लिए नहीं. ये सोचकर खुशी हुई कि सालों बाद हमने फिल्म देखी, हमें पसंद आई और अचानक से मुझे इसका हिस्सा बनने के लिए पूछा गया और शायद इसी चीज ने मुझे हां कहने पर मजबूर कर दिया था.

क्या आराध्या को पता है डबिंग क्या होती है?

हां, एक दिन लॉरियल की एक छोटी सी डबिंग थी. हम उस पर हंसे भी थे, क्योंकि आराध्या डबिंग पर मेरे साथ आई थी. मैं ‘यू आर वर्थ इट’ बार-बार अलग अंदाज में बोल रही थी. तब उसने पूछा कि यह क्या है? तो हां, काफी साल पहले उसे इसका अनुभव हो गया था, तो उसे याद है.

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क्या होता है जब ऐश्वर्या राय बच्चन नाराज होती हैं, आप कैसे रिएक्ट करती हैं?

आपको कभी नहीं पता चलेगा, मैं हमेशा एक स्माइल के साथ रहती हूं.

किस तरह की मां हैं ऐश्वर्या, क्या आप सख्त हैं? कूल हैं? आप किस तरह की मां हैं?

ये सब और इससे भी कहीं ज्यादा, पर उम्मीद है कि एक अच्छी मां हूं.

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आप बहुत ज्यादा ट्रैवल करती हैं और आराध्या आपके साथ ट्रैवल करती है, तो स्कूल, बेबी, काम, ट्रैवल ये सब काम आप एक साथ कैसे संभालती हैं?

प्लानिंग, टाइम मैनेजमेंट से! अगर लोग गौर करें तो मेरे ज्यादातर प्लान वीकेंड पर होते हैं और ये मैं ऑफ सेट से करती आ रही हूं. मुझे लगता है मैं बहुत अच्छी फ्लाइट मैनेजर हूं, कोई भी मुझसे किसी भी फ्लाइट की टाइमिंग पूछ सकता है. कभी-कभी अभिषेक पूछते हैं कि ये क्या है और मैं कहती हूं फ्लाइट्स, तो वो बोलते हैं, ‘हां’ तो कर लो बुक. मेरा रिएक्शन होता है ‘नहीं’, मुझे पता करना है, फ्लाइट की लैंडिंग, टेक ऑफ, ट्रांजिट टाइमिंग वहां के टाइम डिफरेंस का, ताकि ट्रैवल सूट हो सके. तो हां, जब आराध्या छोटी थी, तब से मैं ऐसे ही सबकुछ मैनेज करती हूं.

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