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COVID-19:शूट बंद होने से फिल्म-TV के जूनियर आर्टिस्ट पर ज्यादा असर

टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में जूनियर आर्टिस्ट की नौकरी छूटने से स्ट्रगल और भी बढ़ जाता है.  

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कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है. हर सेक्टर, वर्ग और समुदाय के लोगों के जीवन पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 31 मार्च तक सभी सिनेमाघर, मॉल, स्कूल-कॉलेज को बंद करने का आदेश दिया है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री पर भी कोरोनावायरस की मार झेलनी पड़ रही है. कई इवेंट्स, फिल्म रिलीज और टेलिविजन शूट को टाल दिया गया है. इस वजह से प्रोडक्शन हाउस को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान में हैं फिल्मों और टेलिविजन इंडस्ट्री में डेली वेज पर काम करने वाले लोग.

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स्पॉटबॉय, मेकअप आर्टिस्ट, जूनियर आर्टिस्ट जैसे कलाकारों को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान हो रहा है.

62 साल की बीना गांधी 25 साल पहले गुजरात से मुंबई आई थीं. तब से बीना मुंबई की फिल्म एंड टेलिविजन इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. फिलहाल वो देश के बेस्ट प्रोडक्शन हाउस में “क्राउड पुलर” यानी ऑडियंस को इक्ट्ठा करने का काम करती हैं. रिएलिटी शो और कॉमेडी शोज में जो ऑडियंस आपको स्टेज के आगे बैठी दिखाई देती है या फिर किसी डेली-सोप के सीन में जो भीड़ आपको बैकग्राउंड में दिखती है, उसे इक्ट्ठा करना और मैनेज करना ही बीना गांधी का काम है.

टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में जूनियर आर्टिस्ट की नौकरी छूटने से स्ट्रगल और भी बढ़ जाता है.  
बीना गांधी पिछले 25 सालों से टीवी और फिल्म बिजनेस में काम कर रही हैं
(फोटो: बीना गांधी) 
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मैं India’s Best Dancer और Sa Re Ga Ma जैसे रिएलिटी शो में जूनियर आर्टिस्ट्स और ऑडियंस लाने का काम करती हूं. पहले शोज में करीब 100 लोगों के लिए मांग आती थी, लेकिन लेकिन अब कोरोना के चलते सिर्फ 20 लोग ही बुलाए जा रहे हैं. चैनल ज्यादा भीड़ बुलाने को मना कर रहे हैं, साथ ही सेलेब्रिटीज भी भीड़ के बीच में काम करने से कतरा रहे हैं.
बीना गांधी, क्राउड पुलर
टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में जूनियर आर्टिस्ट की नौकरी छूटने से स्ट्रगल और भी बढ़ जाता है.  
मुंबई के फिल्म सिटी में एक शूट के दौरान
(फोटो: बीना गांधी) 

विनम प्रकाश वोरा एक जूनियर आर्टिस्ट हैं और पिछले 13 साल से इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. उनका एक 2 साल का बेटा है और पति मुंबई के जावेरी बाजार की किसी ज्वैलरी शॉप में काम करते हैं. विनम बताती हैं कि पहले उन्हें एक महीने में 18 से 20 टीवी शो मिल जाते थे, लेकिन बीते महीने उन्हें खास काम नहीं मिला. 7 घंटे लंबे शूट के लिए उन्हें 800 रुपये मिलते हैं, तो वहीं 12 घंटे लंबे शूट के लिए उन्हें दिन के एक हजार रुपये मिल जाते हैं. अब कोरोनावायरस के चलते शूट कैंसल हो रहे हैं और उनकी रोजाान की कमाई पर भारी असर पड़ रहा है. आने वाले दिन विनम को और मुश्किल लग रहे हैं.

हमने एक और जूनियर आर्टिस्ट से बात की. 45 साल के रमेश मिश्रा परेशान हैं कि आने वाले महीने में घर का खर्चा कैसे चलेगा. विनम की तरह रमेश को भी इस महीने काम नहीं मिला. जहां उन्हें पहले एक महीने में 20 शूट मिल जाते थे, मार्च में अब तक वो सिर्फ दो शूट में काम कर पाए हैं. साथ ही, अप्रैल महीने के भी कई शूट कैंसल हो चुके हैं. रमेश ने बताया, “मैं घर बैठा हूं और हर पल यही सोचता हूं कि मैं आने वाले दिनों में कैसे मैनेज करूंगा. मैंने ऐसा बुरा हाल पहले कभी नहीं देखा.”

टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में जूनियर आर्टिस्ट की नौकरी छूटने से स्ट्रगल और भी बढ़ जाता है.  
मुंबई में एक शूट में रमेश मिश्रा
(फोटो: रमेश मिश्रा) 
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मॉडलिंग एजेंसी चलाने वाले बाबू शाह की मानें तो इस शटडाउन की वजह से फिल्म एंड टेलिविडन इंडस्ट्री को करोड़ों का नुकसान होगा.

जूनियर आर्टिस्ट्स के साथ काम करने वाले टीवी डायरेक्टर समीर सिंह ने कहा कि शूट के लिए आने वाले हर आर्टिस्ट की सेफ्टी के लिए वो जरूर कदम उठा रहे हैं. समीर ने माना कि शूट्स कैंसल होने की वजह से डेली वेज वाले आर्टिस्ट्स सबसे ज्यादा नुकसान में हैं. समीन ने कहा कि अगर चैनल थोड़ा कंपनसेशन दें, तो जूनियर आर्टिस्ट के हालात थोड़े ठीक हो सकते हैं.

टीवी इंडस्टी चेन में काम करती है. अगर चैनल थोड़ा पैसा निकालकर प्रड्यूसर्स को दें, तो प्रड्यूसर्स हमें कुछ पैसा देंगे. ऐसे में हम जूनियर आर्टिस्ट को कम से कम 11 दिन का पैसा तो दे ही देंगे. फिलहाल हम इन्हें दो दिन का ज्यादा कैश दे रहे हैं, ताकि इनके पास पैसे की शॉर्टेज न आए. 
समीर सिंह, टीवी डायरेक्टर

फिलहाल कोरोनावायरस ने फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को शटडाउन कर रखा है. बता पाना मुश्किल है कि हालात फिर से कब सामान्य हो पाएंगे.

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