पिछले करीब 2 महीने से सुशांत सिंह राजपूत के मौत के मामले पर चर्चा हो रही है. इस पूरी चर्चा में फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म से लेकर फेवरेटिज्म और इनसाइडर-आउटसाइडर जैसे तमाम मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ बेधड़क और अंधाधुंध चर्चा हुई है. ये मुद्दे सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया में छाए रहे हैं. लेकिन अब फिल्म इंडस्ट्री में से इस माहौल के खिलाफ आवाज उठी है.
प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया इस तरह की बातों से खुश नहीं है. बयान जारी करते हुए गिल्ड ने बताया है कि सुशांत की मौत को किस तरह से इंडस्ट्री को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
पिछले कुछ महीनों में मीडिया ने फिल्म इंडस्ट्री की साख पर जबरदस्त हमले किए. एक युवा स्टार की अचानक मौत की घटना को फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इंडस्ट्री की ऐसी तस्वीर पेश की जा रही है कि जैसे यहां बाहर से आकर काम करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. मीडिया इस तरह का काम अपनी रेटिंग, रीडरशिप बेस और पेज व्यूज को बढ़ाने के लिए कर रहा है.प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया
'हर इंडस्ट्री में कमियां होती हैं, उसे सुधारा जाता है'
प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि हर इंडस्ट्री में कुछ कमियां होती हैं और उसको सुधारने और आगे बढ़ने की कोशिश भी होती रहती हैं. लेकिन पूरी की पूरी इंडस्ट्री को एक ही तरह के रंग में रंग देना वास्तविकता की सही तस्वीर पेश करना नहीं है.
केस की जांच की रिपोर्ट अब तक नहीं आई, लेकिन अंधाधुंध कवरेज हुई
बता दें कि पटना के रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत का शव उनके मुंबई स्थित फ्लैट में 14 जून को बरामद किया गया था. इसके बाद इस मामले की जांच मुंबई पुलिस ने शुरू की. जुलाई महीने में सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना के राजीवनगर में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
बाद में बिहार सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से अनुशंसा कर दी थी. फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. भले ही पुलिस या फिर CBI ने अपनी जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट न दी हो लेकिन पिछले 2 महीनों से इस केस को मीडिया ने जबरदस्त तवज्जो दी है और दिन-रात इस मुद्दे को कवर किया है.
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