मशहूर शायर साहिर लुधियानवी (Sahir ludhianvi) की आज 101वीं जयंती है और शायरी के जिस मुकाम को उन्होंने छुआ उसको लेकर आज भी फनकार बेहद अदब से उनका नाम लेते हैं. हिंदी सिनेमा के अजीम फनकार साहिर लुधियानवी ने ऐसी-ऐसी रचनाएं कीं जो आज भी लोगों के जेहन में ताजा हवा के झोंके की तरह खुशनुमा हैं. साहिर लुधियानवी ने हिंदी सिनेमा में गीतों को लिखने की जो नई परंपरा शुरू की थी उसको आज भी बेहतरीन माना जाता है और उन्होंने कई फिल्मों के लिए एक से बढ़कर एक गीत लिखे. चलिए सुनते हैं उनके लिखे कुछ फेमस गाने और पढ़ते हैं उनके शेर
सर जो तेरा चकराये
पल दो पल का शायर हूं
कभी-कभी मेरे दिल में
कभी खुद पे कभी हालात पे
साहिर लुधियानवी की आज 101वीं जयंती पर हमने उनके गानों के लिखे कुछ कोट्स लेकर आये है,जो आज भी उनकी इन नज्मों, शायरी, गजलों की मिसाल देते हैं.
मैं पल दो पल का शायर हूं
पल दो पल मेरी कहानी है
पल दो पल मेरी हस्ती है
पल दो पल मेरी जवानी है
कभी कभी मेरे दिल में,ख्याल आता है
के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे जमीं पे बुलाया गया है मेरे लिये
जब भी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग
अपनी तबाहियों का मुझे गम नहीं
तुमने किसी के साथ मुहब्बत निभा तो दी
ये महलों,ये तख्तों,ये ताजों की दुनिया,
ये इंसान के दुश्मन समाजों की दुनिया,
ये दौलत के भूखे रवाजों की दुनिया,
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)