ADVERTISEMENTREMOVE AD

अमिताभ की फिल्मों को मना क्यों करने लगी थीं श्रीदेवी? 

अजूबा में शशि कपूर, अमिताभ बच्चन के साथ श्रीदेवी को लेना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

नीचे लिखे अंश श्रीदेवी की बायोग्राफी 'श्रीदेवी: क्वीन ऑफ हार्ट्स के हैं', जिसे ललिता अय्यर ने लिखा है:

80 के दौर में श्रीदेवी सफलता की सीढ़ी पर थीं. उन्होंने तमाम हीरों के साथ काम किया. इस लिस्ट में अनिल कपूर, मिथुन, सनी देओल, ऋषि कपूर, विनोद खन्ना और शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई स्टार्स के नाम शामिल हैं. एक समय ऐसा भी था जब राजेश खन्ना दूसरी पारी शुरू कर रहे थे, तब उन्होंने काका के साथ भी मकसद, मास्टरजी, नजराना और नया कदम में काम किया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वो ऋषि कपूर के करियर को भी पटरी पर लेकर आईं और इसके बाद उन्होंने साथ में 5 फिल्म की: चांदनी, बंजारा, नगीना, गुरुदेव और कौन सच्चा कौन झूठा. इनमें सबसे ज्यादा सफलता चांदनी और नगीना को मिली, दोनों ही फिल्मों के गानों ने सारे रिकॉर्ड भी तोड़ दिए.

श्रीदेवी ने अक्टूबर 1989 में हुए स्टारडस्ट के इंटरव्यू में कहा, ‘‘पहले प्रोड्यूसर्स मुझे सूनसान जगहों पर लेकर जाते थे जैसे राजमुंद्री, जहां शूटिंग करना काफी मुश्किल होता था. मैं वहां लगभग 20 दिनों के लिए जाती थी, कड़ी धूप और कोई सुविधा नहीं. आज ये सब अलग है. मेरे प्रोड्यूसर्स पूछते हैं, मैडम, आप कहां शूट करना पसंद करेंगी? ऊटी, शिमला, स्विटजरलैंड. बस. मेरे खयाल से सक्सेस के साथ चीजें बदलती हैं.’’
अजूबा में शशि कपूर, अमिताभ बच्चन के साथ श्रीदेवी को लेना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.

अमिताभ और श्रीदेवी ने इंकलाब, आखिरी रास्ता और खुदा गवाह में साथ काम किया. लेकिन कहीं न कहीं दोनों की कैमेस्ट्री में फर्क नजर आता था. अमिताभ की उम्र और श्रीदेवी का ग्लैमर एक साथ फिट नहीं हुए, इसकी एक मिसाल इंकलाब 1984 का गाना ‘आज भी यहां’ हैं.

अजूबा में शशि कपूर, अमिताभ बच्चन के साथ श्रीदेवी को लेना चाहते थे. लेकिन श्रीदेवी की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी, वो ये रोल करना नहीं चाहती थीं. (ये एक और रोल था जो श्रीदेवी ने मना किया और वो डिंपल के पास गया). श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन को एक फिल्म में लाना काफी मुश्किल होता था, क्योंकि इससे फिल्म का बजट काफी बढ़ जाता था. 1987 में हुए एक इंटरव्यू में श्रीदेवी ने कहा था,

‘‘मैंने ये कभी नहीं कहा कि मैं अमित जी के साथ काम नहीं करना चाहती. लेकिन एक आर्टिस्ट को फिल्म में लेने का क्या मतलब रह जाता है? वो खुद ही सब कुछ कर सकते हैं.’’
0

श्रीदेवी इंडस्ट्री में सुपरस्टार के तौर पर अपनी जगह बना रही थीं. उस समय श्रीदेवी, अमिताभ बच्चन के साथ फिल्में करने से मना कर देती थीं, जब तक उन्हें बराबर अहमियत और बराबर फुटेज न मिले.

अजूबा में शशि कपूर, अमिताभ बच्चन के साथ श्रीदेवी को लेना चाहते थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
खुद गवाह में अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी
(फोटो: Facebook)

उसी दौरान उनको खुदा गवाह का ऑफर आया. लेकिन अमिताभ बच्चन जैसे बड़े स्टार के सामने कोई छोटा मोटा रोल नहीं चाहती थीं. वो फिल्म करने के लिए तभी मानीं जब उनको फिल्म में मां और बेटी दोनों का रोल मिला. (पहले बेटी का रोल सायरा बानू की भतीजी शाहीन को दिया जा रहा था). फिल्म को दर्शकों ने काफी सराहा. अमिताभ और श्रीदेवी दोनों को ही उनके रोल के लिए काफी तारीफ मिली. हालांकि फिल्म का बजट काफी बढ़ गया था. श्रीदेवी उस दौरान बेस्ट एक्ट्रेस की कैटेगिरी में नॉमिनेट हुईं. वो पहली ऐसी हिरोइन बनीं जिन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ डबल रोल किया हो. उन्होंने न ही स्क्रीन पर अपना टाइम बढ़वाया, बल्कि उनको एक्टर जितने ही पैसे मिले. जबकि ये बातें पहले सिर्फ चर्चा में होती थीं.

कई मायनों में श्रीदेवी का स्टारडम अमिताभ बच्चन के स्टारडम जैसा हो गया था. दोनों बड़े स्टार थे और बड़े फिल्ममेकर्स के साथ काम कर रहे थे. अमिताभ के. ए. अब्बास और ऋषिकेश मुखर्जी के साथ काम कर रहे थे तो साउथ में श्रीदेवी के.बालाचंद्रन, पी.भारथीराजा और जे. महेंद्रन के साथ काम कर रही थीं.

सिर्फ बच्चन ही सलीम जावेद की फिल्म के जरिए एक्टर से स्टार बने और बाद में मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा की फिल्मों से आल राउंडर एंटरटेनर बन गए गए. ऐसे ही श्रीदेवी का भी ट्रांजेशन तमिल/तेलुगु फिल्मों से हिंदी फिल्मों की तरफ हुआ.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें