बॉलीवुड स्टार आमिर खान को टीवी शो सत्यमेव जयते होस्ट करने के दौरान कट्टरपंथियों की धमकियों और दुष्प्रचार का सामना करना पड़ा था. उनके परिवार को भी धमकी मिली थी. आमिर ने अपने ऊपर अल जजीरा की बनाई गई डॉक्यूमेंट्री में इसका खुलासा किया है. सत्यमेव जयते का काॅन्सेप्ट आमिर का था और उन्होंने ही इसे प्रोड्यूस भी किया था. डाॅक्यूमेंट्री में आमिर इस बारे में भी बात करते दिख रहे हैं कि उनके लिए वो शो करना भावनात्मक रूप से कितना मुश्किल था.
इस 47 मिनट की डाॅक्यूमेंट्री का टाइटल है- आमिर खान: द स्नैक चार्मर . 4 साल से अधिक समय लगाकर शूट की गई इस डाॅक्यूमेंट्री की शुरुआत में आमिर ‘सत्यमेव जयते’ का इम्पैक्ट बताते दिखते हैं और उसके बाद वो दंगल के सेट पर ये बताते दिखते हैं कि आखिर उन्होंने फोगाट बहनों पर फिल्म बनाने की क्यों सोची?
‘सत्यमव जयते’ ने आमिर को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया था
आमिर बताते हैं, “हमें बदनाम करने के लिए डिजिटल डोमेन में एक पूरी मशीनरी काम कर रही थी. कट्टर दिखने वाले लोगों के साथ मेरी तस्वीर घूम रही थी ... मुस्लिम, ‘आमिर खान मुस्लिम आतंकवादी के साथ’ का लेबल लगाया गया. ये वैसे लोग थे जो चीजों को बदलना नहीं चाहते थे, जो नहीं चाहते थे कि शो कुछ दिखाए और बदलाव लाए.’’
मुझे इस बात का पता था कि मैं कुछ पावरफुल लॉबी और पावरफुल लोगों को परेशान कर रहा हूं. वो संख्या में कम जरूर थे लेकिन काफी पावरफुल लोग थे. और मुझे पता था कि मैं उन्हें परेशान करने से कुछ ज्यादा कर रहा हूं. मैं उन्हें आर्थिक रूप से प्रभावित कर रहा हूं, असल में मैं उन्हें कई तरीकों से प्रभावित कर रहा था. लेकिन ये मुझे बताता है कि हम सही रास्ते पर हैं ... हालांकि मैं अपने और परिवार की देखभाल के मामले में जरूरी सावधानी बरतता हूं.डाॅक्यूमेंट्री में आमिर खान
आमिर खान की मां, जीनत हुसैन कहती हैं कि जब उन्हें ‘सत्यमेव जयते’ के आइडिया के बारे में बताया गया था, तो उन्होंने आमिर को शो नहीं करने के लिए कहा था क्योंकि ये बहुत ही दर्दनाक था. और वो सोच रही थीं कि लोग दिखाए जा रहे चीजों को कैसे बर्दाश्त कर पाएंगे.
लेकिन बाद में उन्हें लगा कि ‘सत्यमेव जयते’ ने बहुत से लोगों की मदद की और लोगों के दिमाग को बदलने में भी मदद की. वो ये भी बताती हैं कि उन्होंने आमिर को शो के लिए मिलने वाली धमकियों के बारे में सुना था, लेकिन आमिर ने कभी भी खुद उस बारे में कुछ भी नहीं बताया.
इस डाॅक्यूमेंट्री में आमिर की पत्नी किरण राव भी शामिल हैं, जो बताती हैं कि जब शो ने पावरफुल लोगों और संस्थाओं पर असर डालना शुरु किया, तो उन्हें एक निगेटिव प्रतिक्रिया मिलने की आशंका थी.
कई बार ये काफी भयावह था, खासकर जब वो राजनीति के अपराधीकरण के बारे में बातें कर रहे थे. ये एक परिवार के रूप में हमारे लिए बहुत मुश्किल था. कुख्यात अपराधियों के बारे में बात की जाती थी और एक को हमेशा चिंता में रहना पड़ता था कि इसे लेकर कोई भी प्रतिक्रिया हो सकती है.डाॅक्यूमेंट्री में किरण राव
डाॅक्यूमेंट्री में इंटरव्यू के दौरान एक जगह हम आमिर खान को टूटते-रोते हुए देखते हैं, जहां वो मानते हैं कि ‘सत्यमेव जयते’ जैसा शो करना उनके लिए कितना खास रहा.
ऐसा समय आता है जब हम असल में उदास और ज्यादा उदास महसूस करते हैं और हमें लगता है - ‘हम ये क्यों कर रहे हैं? कुछ भी नहीं बदल रहा है’. ये बहुत क्रूर और भावनात्मक रूप से मेरे लिए दर्दनाक है .... खैर, अभी हम शो का एक सीजन खत्म करने के बीच में हैं. मैंने उन्हें बताया है कि मैं बहुत थक गया हूं. हमें कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहिए.डाॅक्यूमेंट्री में आमिर खान
‘दंगल’ पर आमिर खान
आमिर की यह फिल्म ये कहने की कोशिश करती है कि हमें अपनी लड़कियों को सशक्त बनाना है. जब आप ऐसा करते हैं, तो एक लड़की हर तरह से एक लड़के की तरह ही बेहतर करती है. आमिर कहते हैं- पुरुषों को सोच बदलनी होगी. मुझे लगता है, ये सिर्फ पुरुषों की सोच नहीं है, ये कोई भी हो सकता है जो बहुत ही पितृसत्तात्मक सोच रखता हो. एक महिला भी ऐसी सोच रख सकती है. हमें ये समझना होगा कि हर इंसान बराबर है और उसके साथ समान सम्मान और प्रेम के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि बहुत सी लड़कियां इन दोनों बेटियों को देखेंगी और उनसे प्रेरित होकर अपने बड़े-बड़े सपनों को पूरा करने की कोशिश करेंगी.डाॅक्यूमेंट्री में आमिर खान
अल जजीरा की ये डाॅक्यूमेंट्री काफी देर से रिलीज हुई है. जबकि सत्यमेव जयते का सीजन 3, 2014 में ही खत्म हो चुका था. इसके अलावा, आमिर पिछले साल रिलीज फिल्म दंगल के बारे में बहुत कुछ बता चुके हैं. ये भी कि उन्होंने ये फिल्म करने की क्यों सोची. इसके बावजूद इस डाॅक्यूमेंट्री में आमिर का अपनी मां जीनत और बेटे आजाद के साथ बिताए जाने वाले पलों को देखना दिलचस्प है. आप पूरी डाॅक्यूमेंट्री आमिर खान: द स्नेक चार्मर यहां देख सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)