यूथ कांग्रेस ने एक्टर Kangana Ranaut के खिलाफ देश विरोधी बयान देने के आरोप में दिल्ली के संसद मार्ग थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे और लीगल सेल के सदस्य अधिवक्ता अंबुज दीक्षित ने कंगना रनौत के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर देश विरोधी बयान देने के आरोप में दिल्ली के संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.
शिकायत में इस बात का उल्लेख किया गया है कि, "एक्टर के इंस्टाग्राम पर 7.8 मिलियन से अधिक समर्थक हैं. इसलिए उन्होंने जानबूझकर गैर जिम्मेदार व्यवहार करते हुए भारत के प्रति घृणा भड़काने वाले पोस्ट किए. हाल ही में कंगना को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनको अपनी मयार्दाओं को ध्यान में रखते हुए बयान देने चाहिए."
यूथ कांग्रेस ने अपनी शिकायत में लिखा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में दृढ़ विश्वास रखते हैं, लेकिन यह एक सीमा तक होना चाहिए. एक सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्ति को इस तरीके की टिप्पणी सोच समझकर करनी चाहिए. राष्ट्र विरोधी बयान, हिंसा भड़काने वाले बयान सार्वजनिक मंच पर उचित नहीं है.
कंगना रनौत के खिलाफ यूथ कांग्रेस की तरफ से भारतीय दंड संहिता धारा 124-ए, 504 और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इससे पहले कांग्रेस ने बॉलीवुड एक्टर कंगना रनौत को अज्ञानी सरकारी अदाकारा करार देते हुए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाए जाने की मांग की थी. कांग्रेस ने कंगना से पद्मश्री समेत सभी पुरस्कार वापस लेने की मांग की है.
कंगना रनौत ने कृषि कानूनों की वापसी पर दिया था बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों की वापसी के फैसले के बाद, कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'शर्मनाक' बताया था.
कंगना ने किसानों को "खलिस्तानी आतंकवादी" बताते हुए लिखा था, "उस एक महिला को मत भूलिए, इकलौती महिला प्रधानमंत्री जिन्होंने इनको अपनी जूती के नीचे मचल दिया था... उन्होंने इन्हें मच्छरों की तरह मचल दिया था, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए."
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी ने भी की शिकायत
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (DSGMC) अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के नेता मजिंदर सिंह सिरसा ने भी कंगना के बयान की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
DSGMC ने एक बयान में कहा, "उन्होंने (कंगना) सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी करार दिया, और 1984 और उससे पहले हुए नरसंहार को (दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी की ओर से प्लान्ड कदम बताया."
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