असल जिंदगी में कभी थाइलैंड के एक होटल में वेटर और शेफ का किरदार निभाने वाला ये शख्स आज बॉलीवुड में कामयाबी का दूसरा नाम है. इन्हें ‘खिलाड़ी कुमार’ कहिए या आज के दौर के ‘भारत कुमार’, इस वक्त वह सुपरहिट फिल्में देने की गारंटी बन चुके हैं.
लेकिन इस बुलंदी तक पहुंचने का उनका सफर इतना आसान नहीं था. आज 52 साल के हो रहे अक्षय ने अपनी काबिलियत को पहचान दिलाने के लिए जितना स्ट्रगल किया, वो अपने आप में एक बड़ी मिसाल है. जानिए क्या अक्षय कुमार बचपन से ही खिलाड़ी हैं?
विरासत नहीं मेहनत से हासिल की शोहरत
अक्षय कुमार की गिनती आज भले ही बॉलीवुड के टॉप सुपरस्टार में होती है. लेकिन अक्षय उन एक्टरों में शुमार हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते ये शान-ए-शोहरत हासिल की है, ना कि विरासत में उन्हें ये मिली. मतलब अक्षय किसी बॉलीवुड खानदान से ताल्लुक नहीं रखते हैं. वो ऐसे एक्टर हैं, जिन्होंने खुद अपने दम पर अपनी पहचान बनाई.
खास बात ये है कि बचपन में उनका एक्टर या खिलाड़ी कुमार बनने का कोई इरादा नहीं था. लेकिन जब उन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने की ठानी, तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मॉडलिंग से बदली अक्षय की दुनिया
पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए और दिल्ली के चांदनी चौक में बचपन गुजारने वाले अक्षय कुमार ने स्कूली पढ़ाई के दौरान ही ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल कर ली थी. मुंबई से उन्होंने हायर सेकेंड्री की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद मार्शल आर्ट्स सीखने के लिए थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक चले गए. गुजारा चलाने के लिए पैसों की जरूरत थी. लिहाजा, वहां उन्होंने शेफ और वेटर की नौकरी भी की.
मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेकर अक्षय मुंबई वापस आ गए और वहां मार्शल आर्ट्स सिखाने लगे. एक बार एक फोटोग्राफर ने उन्हें सलाह दी कि वो हैंडसम दिखते हैं, इसलिए मॉडलिंग में किस्मत आजमाना चाहिए. अक्षय ने मॉडलिंग में ट्राई किया और जल्द ही उन्हें मौका मिल गया. अक्षय मार्शल आर्ट सिखा कर जितना पैसा एक महीने में कमाते थे, एक मॉडलिंग प्रोजेक्ट में उतना ही पैसा दो दिन में कमा लिया. इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग और एक्टिंग में ही आगे अपना करियर बनाने की ठान ली.
कैसे राजीव भाटिया बन गए अक्षय कुमार
मॉडलिंग में अपना करियर जमाने के लिए अक्षय ने फैशन फोटोग्राफर जयेश सेठ के साथ बिना कोई पैसा लिए 18 महीने तक काम किया. इसके साथ-साथ फिल्म निर्माताओं के दफ्तरों में भी चक्कर लगाए. इस दौरान उन्होंने कई फिल्मों में बैंकग्राउंड डांसर के तौर पर भी काम किया. महेश भट्ट की फिल्म 'आज' में अक्षय ने एक मार्शल आर्ट्स इंस्ट्रक्टर की छोटा सा किरदार निभाया. यहां उनका रोल सिर्फ कुछ सेकेंड्स का ही था.
इसी फिल्म के लीड एक्टर कुमार गौरव (फिल्म में उनका नाम अक्षय था) से प्रभावित होकर अक्षय ने अपना बदलने की ठान ली. एक दिन वे अचानक कोर्ट पहुंच गए और राजीव भाटिया से अपना नाम बदलवाकर अक्षय कुमार रख लिया.
एक बार अक्षय कुमार किसी फिल्म के सिलसिले में राजेश खन्ना से मिलने उनके ऑफिस पहुंचे. दो-तीन घंटे वहां इंतजार किया, लेकिन राजेश खन्ना से उनकी मुलाकात नहीं हो पाईं. तब अक्षय ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन राजेश खन्ना की बेटी ट्विंकल खन्ना उनकी पत्नी बनेंगी.
अक्षय कुमार ने बॉलीवुड में अपने पांव जमाने के लिए बहुत पापड़ बेले. कई फिल्में ऐसी थी, जिनमें वे कुछ देर के लिए ही नजर आए थे. साल 1991 में अक्षय कुमार की किस्मत ने यू-टर्न लिया. बतौर लीड एक्टर उनकी पहली फिल्म 'सौगंध' रिलीज हुई.
हालांकि लीड एक्टर के तौर पर उन्होंने पहली फिल्म प्रमोद चक्रवर्ती की 'दीदार' को साइन किया था, लेकिन वो फिल्म 1992 में रिलीज हुई. इसके बाद फिर अक्षय कुमार ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज उनकी कामयाबी जगजाहिर है.
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