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दिग्गज फिल्ममेकर बासु चटर्जी का निधन, PM मोदी ने जताया दुख

93 साल की उम्र में बासु चटर्जी का निधन

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हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्मकार बासु चटर्जी का गुरुवार को 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. पीएम मोदी से लेकर फिल्म इंडस्ट्री के तामाम लोगों ने बासु के निधन पर शोक व्यक्त किया.

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चटर्जी ने ‘रजनीगंधा’, ‘बातों-बातों में’, ‘एक रुका हुआ फैसला’ और ‘चमेली की शादी’ जैसी यादगार फिल्में बनाई हैं.

भारतीय फिल्म एवं टीवी निर्देशक संघ के अध्यक्ष अशोक पंडित ने निधन की खबर देते हुए ट्विटर पर लिखा, “मुझे ये बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि लेजेंड्री फिल्ममेकर बासु चटर्जी अब नहीं रहे.”

पीएम मोदी ने लिखा, “श्री बासु चटर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. उनका काम शानदार और संवेदनशील था. उनके काम ने लोगों के दिलों को छूआ और उनकी मुश्किलें दिखाईं. उनके परिवार को हिम्मत. ओम शांति.”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चटर्जी की मौत पर शोक जताते हुए लिखा, “उन्होंने हमें ‘छोटी सी बात’, ‘चितचोर’, ‘रजनीगंधा’, ‘ब्मोकेश बक्शी’, ‘रजनी’ जैसी कई फिल्में दीं. उनके परिवार, दोस्तों, फैंस और पूरी फिल्म इंडस्ट्री को सांत्वनाएं.”

सितारों ने सुनाई चटर्जी संग यादें

वेटरन एक्टर शबाना आजमी ने क्विंट से बासु चटर्जी की अपने यादें शेयर कीं.

“मैंने उनके साथ तीन फिल्में की- स्वामी, जीना यहां और अपने पराये. मुझे उनके साथ काम करने में काफी मजा आता था. हालांकि उन्हें इस बात में बड़ी खुशी मिलती थी कि उनके अंदर संवेदनाएं नहीं हैं ज्यादा, लेकिन उनमें करुणा थी जो उनके कैरेक्टर लिखने के तरीके से स्पष्ट थी. मुझे उनमें सबसे अच्छा यही लगता था. मेरे लिए, वो इस्मत चुगतई क्वालिटी के थे. उनके कैरेक्टर भले भारतीय मिडिल क्लास से आते हों, लेकिन उन्हें इंटरनेशनल मिडिल क्लास सिनेमा का भी खूब पता था.”
शबाना आजमी, एक्टर

बासु चटर्जी के साथ 6 फिल्मों में काम करने वाले अमोल पालेकर ने क्विंट से कहा, “बासु दा को दूसरे डायरेक्टर्स से जो बात अलग करती थी, वो थी उनकी सादगी. जिस तरह से बिना किसी ड्रामे, ट्विस्ट और टर्न के वो कहानी सुनाते थे, वो शानदार था. उनकी फिल्मों में वो टिपिकल हीरो, हीरोइन और विलेन जैसा कुछ नहीं होता था, बल्कि रोजाना की जिंदगी की मुश्किलें होती थीं, और बासु चटर्जी ने उन्हें बखूबी बयां किया.”

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