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लॉकडाउन के साइडइफेक्ट: फिल्म निर्माता और सिनेमाघर मालिक आमने-सामने

लॉकडाउन के चलते ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती हैं बॉलीवुड की फिल्में

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देशभर में कोरोना वायरस के चलते लगातार दूसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया गया है. पिछले 40 दिनों से भी ज्यादा वक्त से लागू इस लॉकडाउन का असर हर इंडस्ट्री पर पड़ रहा है. जिसमें फिल्म इंडस्ट्री भी शामिल है. लॉकडाउन के कारण सभी मल्टीप्लैक्स और सिनेमाघर बंद हैं. इसीलिए फिल्मों की रिलीज डेट आगे बढ़ाई जा रही है. लेकिन अब ऐसी खबरें भी सामने आईं हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि बॉलीवुड फिल्में OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती हैं. इसके लिए उन्हें मोटा पैसा भी ऑफर हो रहा है. जिससे मल्टीप्लेक्स और फिल्म निर्माता आमने-सामने आ गये हैं.

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ये खबर फैलते ही मल्टीप्लेक्स मालिकों के संगठनों ने इसका विरोध करना भी शुरू कर दिया है. उन्होंने बॉलीवुड के प्रोड्यूसर्स से अपील की है कि वो अपनी फिल्मों को बड़े परदे पर ही रिलीज करें. क्योंकि बड़ी फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती हैं तो मल्टीप्लैक्स मालिकों को बड़ा नुकसान होगा.

क्यों परेशान हैं फिल्म मेकर्स?

24 मार्च से देशभर में शुरू हुआ लॉकडाउन कब खत्म होगा ये किसी को पता नहीं है. हर बार लॉकडाउन को बढ़ाया जा रहा है. लॉकडाउन खत्म होने पर भी कितने लोग सिनेमाघरों में आएंगे, इसका पता नहीं. ऐसे में बॉलीवुड फिल्म मेकर्स के सामने एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो चुकी है. फिल्मों पर करोड़ों खर्च कर वो उन्हें रिलीज नहीं कर पा रहे हैं.

फिल्में रिलीज होंगी, तभी कमाई भी होगी. लेकिन जब तक लॉकडाउन है, सिनमाघरों को छूट मिलना लगभग नामुमकिन है. ऐसे में अब खबरें हैं कि फिल्म मेकर्स किसी दूसरे विकल्प की तरफ देख रहे हैं.
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मल्टीप्लेक्स मालिकों में खौफ

अब इन्हीं खबरों के बीच मल्टीप्लैक्स मालिकों में खौफ का माहौल है. मल्टीप्लैक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने ने बॉलीवुड के सभी स्टूडियो, प्रोड्यूसर्स, आर्टिस्टर्स और बाकी कंटेंट क्रिएटर्स को एक लेटर लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है,

“हमारी अपील है कि जब भी सिनेमा हॉल-मल्टीप्लेक्स खुलें तभी बॉलीवुड की फिल्में रिलीज की जाएं. आप सभी से गुजारिश है कि थिएयर की इस दुनिया का खयाल रखें. जब थिएटर खुलेंगे तो फिल्म देखने वालों की संख्या में भी इजाफा होगा. क्योंकि लोग बड़ी स्क्रीन पर फिल्म देखने का इंतजार कर रहे हैं.”
मल्टीप्लैक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया

‘बड़ी फिल्मों का OTT पर आना मुश्किल’

क्विंट ने मल्टीप्लेक्स इंडस्ट्री के भविष्य पर उठते इन सवालों को लेकर सिनेमा जगत से जुड़े कुछ लोगों से बातचीत की. इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट टीपी अग्रवाल ने क्विंट से बातचीत में बताया,

“जिन प्रोड्यूसर्स के पास होल्डिंग कैपेसिटी नहीं है, जिनके ऊपर लगातार इन्वेस्टर्स का दबाव बन रहा होगा, वो लोग ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की तरफ जरूर जा सकते हैं. ये एक अच्छा कदम भी है, क्योंकि घर पर बैठे लोगों को इससे नया कंटेंट देखने को मिलेगा.”
टीपी अग्रवाल, प्रेसिडेंट- इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन

इंडियन फिल्म एंड टीवी डायरेक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक पंडित से बातचीत करने पर उन्होंने भी इसी तरह की बात कही. उन्होंने कहा,

"बॉलीवुड में कुछ बड़ी फिल्में रिलीज का इंतजार कर रही हैं. मुझे लगता है कि ऐसी फिल्में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नहीं आएंगी. क्योंकि उनके पास होल्डिंग कैपेसिटी है, वो लोग अगले दो महीने बाद भी फिल्म रिलीज कर सकते हैं. वहीं इन फिल्मों में बड़े स्टार भी शामिल हैं, इसीलिए ये उनकी इमेज के लिए भी एक बड़ा सवाल है."

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OTT से कितना खतरा?

दूसरे देशों की ही तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म्स यानी इंटरनेट के जरिए आसानी से उपलब्ध होने वाले कंटेंट ने भारत में भी टीवी की जगह लेनी शुरू कर दी है. लोगों ने, खासतौर पर युवाओं ने इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. तमाम मशहूर वेबसीरीज से लेकर फिल्में तक लोगों को इन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर मिल जाती हैं. लेकिन जब बात नई फिल्मों की हो तो अब तक भारतीय दर्शक बड़े परदे को ही पसंद करते हैं. जो बड़ा परदा फिलहाल लॉकडाउन की वजह से बंद है.

इसीलिए अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स (अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स, जी फाइव, हॉटस्टार) को ये एक बड़े मौके की तरह दिख रहा है. जो मल्टीप्लेक्स इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा खतरा है. रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने तो फिल्म मेकर्स को काफी बड़े पैकेज ऑफर करने भी शुरू कर दिए हैं.

कई बड़ी फिल्मों की रिलीज पर ब्रेक

बॉलीवुड में कई ऐसी बड़ी फिल्में हैं, जिन्हें अप्रैल और मई में रिलीज होना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते वो रिलीज नहीं हो सकी हैं या नहीं हो पाएंगी. सलमान खान स्टारर "राधे" हमेशा की तरह ईद के मौके पर 22 मई को रिलीज होनी थी. लेकिन इस बार ऐसा मुमकिन नहीं लग रहा. वहीं शूजित सरकार की फिल्म "गुलाबो सिताबो" को 17 अप्रैल को रिलीज होना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते डेट आगे बढ़ा दी गई. कुछ ऐसा ही अमिताभ बच्चन की "झुंड" के साथ भी हुआ. जिसे 8 मई को रिलीज होना था.

कपिल देव की बायोपिक और रणवीर सिंह स्टारर फिल्म “83”, रणवीर सिंह, अक्षय कुमार और अजय देवगन स्टारर “सूर्यवंशी” और वरुण धवन की “कूली नंबर-1” जैसी फिल्में भी इसी लिस्ट में शामिल हैं.

लॉकडाउन के चलते ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो सकती हैं बॉलीवुड की फिल्में

जाह्नवी कपूर की फिल्म "गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल" के भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने की खबरें तेजी से फैल रही हैं. इसके बाद इस फिल्म को प्रोड्यूस करने वाले करन जौहर को खुद ट्वीट करना पड़ा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“मैं सभी मीडिया के दोस्तों से गुजारिश करता हूं कि फिल्म के लोगों के प्रति किसी भी नतीजे पर न पहुंचें. ये इस बिजनेस के लिए चुनौतीपूर्ण वक्त है और झूठी खबरें केवल हालात खराब ही करेंगी. आधिकारिक खबर आने तक प्लीज इंतजार करिए. मेरी आपसे बस यही गुजारिश है.”
करन जौहर
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OTT को लॉकडाउन का बड़ा फायदा

हमने आपको बताया कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग ओटीटी की तरफ जाने की सोच रहे हैं, वहीं मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन का तर्क भी बताया, जो कह रहे हैं कि लॉकडाउन खत्म होते ही लोग बड़े परदे की तरफ दौड़ेंगे. लेकिन सच्चाई ओटीटी की तरफ झुकाव दिखाती है. क्योंकि कोरोना जैसे वायरस के डर से लोग इतनी जल्दी सिनेमाघरों की ओर नहीं जाएंगे. इसका सीधा फायदा ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ही मिलेगा. OTT प्लेटफॉर्म्स की बड़ी खासियत ये भी है कि इन पर सब्सक्रिप्शन के जरिए भी कमाई होती है, ऐसे में एडवर्टाइजमेंट पर इनकी निर्भरता काफी हद तक कम हो जाती है.

केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान, टीवी, गेमिंग, डिजिटल और ओटीटी प्लेटफार्म्स के इस्तेमाल में इजाफा देखा जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे एंटरटेनमेंट सेक्टर के डिजिटलीकरण में तेजी देखी जा सकती है.

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