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No Fathers In Kashmir रिव्यू: चेहरे पर मुस्कान ला देंगे ये बच्चे

कश्मीर पर बनी ये फिल्म पिछले काफी समय से चर्चा में है

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लंबे समय से चर्चा में रहने वाली फिल्म 'नो फादर्स इन कश्मीर' 5 अप्रैल को रिलीज हो गई है. फिल्म में कुलभूषण खरबंदा, जारा वेब, सोनी राजदान, अंशुमन झा और शिवम रैना ने लीड रोल निभाया है. फिल्म को डायरेक्ट करने वाले अश्विन कुमार ने भी फिल्म में एक्टिंग की है.

फिल्म की कहानी नूर (जारा वेब) के इर्द-गिर्द घूमती है जो ब्रिटेन से भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे एक गांव में अपने पिता की तलाश में आती है.

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एनडीटीवी ने फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार्स दिए हैं. रिव्यू के मुताबिक, 'अश्विन कुमार की फिल्म युद्ध में समापन तलाशते लोगों पर एक सेंसेटिव स्टडी है. इसके मुख्य में दो बच्चे हैं जिनके पिता को सेना उठाकर ले गई और फिर कभी घर नहीं लौटे. ये फिल्म सभी को पंसद आने वाली नहीं है. इसमें खामियां भी हैं, लेकिन ये फिल्म नजरअंदाज करने वाली नहीं है.'

द टाइम्स ऑफ इंडिया ने फिल्म को 'घाटी से अनकही कहानी' बताते हुए 3.5 स्टार्स दिए हैं.

‘डायरेक्टर नूर के जरिए कश्मीर घाटी की एक कठोर वास्तविकता सामने लेकर आए हैं. जब नूर को पता चलता है कि उसके पिता को सालों पहले सेना उठाकर ले गई, तो वो इस बारे में और खोजती है.’

नो फादर्स इन कश्मीर दिल छू लेने वाली फिल्म है. इसमें ऐसे पल हैं जो आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएंगे, खासकर नूर और माजिद के बीच के पल, जो धीरे-धीरे प्यार में तब्दील होता है. फिल्म का स्क्रीनप्ले अच्छा है. इसे दोनों तरफ से बैलेंस करने की कोशिश की गई है.

डीएनए ने फिल्म को 5 में से 3 स्टार दिए हैं. 'फिल्म सवाल पूछती है कि क्या कश्मीरियों को एक आजाद राज्य चाहिए? ये फिल्म बॉर्डर पर पहरा देती हमारी सेना का दूसरा चेहरा दिखाती है. फिल्म कश्मीर मुद्दे पर एक विवादित रुख रखती है. ‘नो फादर्स इन कश्मीर’ में दोनों बच्चे शानदार हैं.'

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