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तानाजी रिव्यू: अगर तथ्यों को छोड़ दें, तो ये बेहतरीन फिल्म है

अगर हम इस फिल्म के तथ्यों, छिपे हुए पक्षपात को छोड़ दें तो विजुअली ये फिल्म बेहतरीन है.

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Tanhaji: The Unsung Warrior

तानाजी रिव्यू: अगर तथ्यों को छोड़ दें, तो ये बेहतरीन फिल्म है

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'तानाजी-द अनसंग वॉरियर' एक और फिल्म जहां बताया गया है कि मराठा महान थे!
जाहिर है कि हम इस बात की खिलाफत नहीं कर सकते, क्या हम कर सकते हैं? खैर अजय देवगन की ये 100 वीं फिल्म है, जिसमें वो अजय सूबेदार तानाजी मालुसरे के किरदार में नजर आएंगे. ये शिवाजी महाराज के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है. भारत के दक्षिणी इलाके पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मुगल शासकों के लिए कोंढाणा किला बहुत जरूरी था. और शिवाजी महाराज तानाजी को उस पर कब्जा करने का आदेश देते हैं और औरंगजेब उदयभान राठौर (सैफ अली खान) को उसकी हिफाजत करने के लिए कहते हैं. बस यहीं से शुरू होता है अजय देवगन और सैफ अली खान के बीच 3डी वॉर. ये कहानी 4 फरवरी 1670 में हुए सिन्हागढ़, जिसे तब कोणढाना के नाम से जाना जाता था, के युद्ध के बारे में है.

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‘तानाजी-द अनसंग वॉरियर’ ये एक और हिस्टोरिकल फिल्म है, जिसमें सटीकता की कमी है. लेकिन हमें इन चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए, क्योंकि 17वीं सदी में ‘भारत देश’ जैसा कुछ भी नहीं था. तानाजी कर्मठ और हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहने वाले योद्धा हैं, जो कि स्वराज और भगवा के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देना चाहते हैं - ये वो दो बातें जिनका वो बार-बार जिक्र करते हैं.

औरंगजेब ने हिंदूओं को हिंदूओं से भिड़ाया, ये हमारे नरैटर हमें बता रहे हैं. फिल्म में वीर मराठाओं और मुगलों के बीच युद्ध दिखाया गया है. तानाजी एक प्यार करने वाले पति और पिता, एक बहादुर सैनिक हैं, जिनका पसंदीदा रंग भगवा. उदयभान पूरी तरह गुस्से से भरा शख्स है. सैफ बहुत साफ तौर पर पद्मावत में रणवीर द्वारा खिलजी के किरदार से इंस्पायर्ड हैं. इस फिल्म में सैफ ने रणवीर की तरह डांस भी किया है, इतनी समानताओं को आप नकार नहीं सकते.

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अगर हम इस फिल्म के तथ्यों, छिपे हुए पक्षपात को छोड़ दें, तो विजुअली ये फिल्म बेहतरीन है. डायरेक्टर ओम राउत राइटर प्रकाश कपाड़िया की फिल्म पर पकड़ ढीली नजर आती है. युद्ध के सीन को कोरियोग्राफर ने बेहतरीन बना दिया है, कैमरे,लार्जर देन लाइफ सेट,फ्रेम इन सभी चीजें इस हिस्टोरिकल फिल्म को तारीफ के काबिल बना दिया है.

अजय देवगन और सैफ अली खान दोनों अपने रोल में पावरफुल नजर आ रहे हैं. इन दोनों के किरदार दर्शकों को स्क्रीन से बंधने में मदद कर सकते हैं.

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यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि ये दुनिया है, जिसमें महिलाओं की भूमिका कम ही होगी. चाहे वो तानाजी की समर्पित पत्नी का किरदार वो जो कि काजोल ने निभाया हो या फिर उदयभान के अपोजिट नेहा शर्मा का फिल्म में शायद की इनके पास कुछ दिखाने के लिए हो.

शरद केलकर और ल्यूक केनी जो कि शिवाजी महाराज और औरंगजेब का किरदार निभा रहे हैं स्क्रीन पर एकदम परफेक्ट नजर आते हैं. तानाजी की कहानी एक लोककथा का हिस्सा है और यह सिनेमाई री-टेलिंग में बेहद खूबसूरत लग रही है. अगर ऐतिहासिक तथ्यों को छोड़ दें तो ये 3डी में देखने के लिए अच्छी एक्शन फिल्म है.

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