पंचायत सीजन 2 प्राइम वीडियो पर आ चुका है. पंचायत सीजन 1 की तरह दर्शंकों ने जितना प्यार दिया, उतना ही प्यार Panchayat 2 को भी मिल रहा है. सबसे बड़ी बात पंचायत सीजन 1 को जिसने देखा, उसे सीजन 2 का बेसब्री से इंतजार था. हमें भी था. इंतजार का फल मीठा जो होता है. गांव की खूबसूरती, आपसी प्यार और नोंक-झोंक से भरी इस वेब सीरीज को देखने वाले तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.
गांव फुलेरा के ग्रामवासियों के जिंदगी के कुछ किस्से लेकर आया है दूसरा सीजन, सीरीज की कहानी में ज्यादा ड्रामा तो नहीं हैं. लाइट कॉमेडी के साथ सीजन में ऐसे डायलॉग्स हैं, जिन्हें हम भी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं. सचिव जी (जीतेंद्र कुमार), प्रधान जी (रघुवीर यादव), प्रहलाद चा (फैसल मलिक), विकास (चंदन रॉय), मैडम जी (नीना गुप्ता) ने अपने अभिनय से एकदम गजब कर दिया है.
जब तक सीट नहीं लग जाता, कहीं और जा के हग ले. कहां जा के हग ले? पंचायत के ऑफिस में हग सकता है.
आप लोगों के लिए ऑफिस है, पर मेरे लिए तो घर है.
एक नंबर के बनराकस आदमी हैं, आप उसकी बात का ज्यादा वैल्यू मत दीजिए.
हम सब कहीं ना कहीं नाच ही तो रहे हैं, सचिव जी
चप्पल की चोरी हुई है, FIR दर्ज होगा गांव के प्रधान के ऊपर
अभी तो खाली बाल नोचे हैं, निकल यहां से नहीं तो पूरे का पूरा बेलचट कर देंगे.
दोस्त यार कह देने से सिर्फ़ दोस्त यार नहीं हो जाता प्रधान जी निभाना भी पड़ता है.
ऐ विधायक जी! रोड का पैसा देना है तो दीजिए, नहीं देना है तो मत दीजिए लेकिन गाली नहीं सुनेंगे
देश के लिए जान देने का फीलिंग ही अलग होता है.
ये जो शहीद हुए हैं राहुल पांडे , इनके पिताजी जब समाज में निकलेंगे ना, तो इज्जत मिलेगा. लेकिन कब तक बाहर रहेंगे? घर में ही आना पड़ेगा ना
20-30 हजार में( देश के लिए) जान देने वाले और कहां मिलेंगे?
रोड़ के लिए भले ही फंड लगता हो विधायक जी, लेकिन अच्छा इंसान बनने के लिए फंड नहीं लगता
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