"रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई"
सबको हंसाने वाला, अब इस दुनिया में नहीं रहा. बुधवार को मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) ने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. जिंदगी और मौत के बीच 42 दिनों के लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा. उनके निधन से हर ओर शोक की लहर है.
'आम आदमी' के कॉमेडियन
राजू श्रीवास्तव नहीं रहे, लेकिन कॉमेडी की उनकी विरासत हमेशा जिंदा रहेगी. राजू कॉमेडी की भीड़ में सबसे अलग थे. अपने चुटकुलो और देशी अंदाज से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई. वो 'आम आदमी' के कॉमेडियन थे. छोटी-छोटी बातों में, शादी-विवाह से लेकर राजनीतिक घटनाओं में हंसी ढूंढना राजू की खासियत थी.
राजू ने अपनी कॉमेडी के जरिए मिडिल क्लास की भवनाओं को व्यक्त किया. तो उन्होंने 'गजोधर' के किरदार के जरिए ग्रामीण भारत की तस्वीर भी दिखाई. राजनेताओं पर तंज कसा तो सुपरस्टार्स की नकल भी उतारी. अपने ठेठ देशी अंदाज और जानदार पंचलाइन के दमपर राजू ने करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया. आम जनता से लेकर फिल्मी सितारे और नेता भी उनके इसी अंदाज के फैन थे.
सबका चहेता 'गजोधर भैया'
राजू श्रीवास्तव को 'द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज' से असल पहचान मिली और यहीं से 'गजोधर भैया' का सफर भी शुरू हुआ. कॉमेडी के मंच से जब 'गजोधर भैया' ने अपने कनपुरिया अंदाज में ग्रामीण भारत के किस्से-कहानी और चुटकुले सुनाए तो लोग लोट-पोट हो गए. राजू के साथ-साथ दर्शक 'गजोधर भैया' के भी जबरा फैन बन गए.
गजोधर के साथ ही राजू की टोली में यादव, संकठा, बिरजू और छुट्टन भी थे. राजू ने इन किरदारों के आसपास कॉमेडी का ऐसा संसार बुना जिसे सुनकर लोग आज भी ठहाके लगाते हैं. यूट्यूब पर राजू के ऐसे सैकड़ों वीडियो आपको मिल जाएंगे.
अमिताभ-लालू की मिमिक्री कर लोगों को हंसाया
राजू श्रीवास्तव ने एक इंटरव्यू में कहा था बच्चन साहब की वजह से उन्हें रोजी-रोटी मिली. उन्होंने बताया था कि उस दौर में अमिताभ की मिमिक्री करने वाला कोई आर्टिंस्ट नहीं था. इसके बाद उन्होंने अमिताभ बच्चन की मिमिक्री शुरू की. जो लोगों को बहुत पसंद आई. राजू ने आगे बताया कि पहली बार उन्हें इसके लिए 50 रुपए मिले, इसके बाद 75 रुपए और फिर 200 रुपये मिले. इस तरह से उनका कॉमेडी का सफर आगे बढ़ता गया.
अमिताभ के साथ ही राजू राजनेताओं पर भी चुटकी लेने से नहीं चूकते थे. राजू लालू यादव की मिमिक्री के लिए भी फेमस थे. एक बार उन्होंने एक कार्यक्रम में लालू यादव के सामने ही उनकी मिमिक्री कर डी. जिसे सुनकर लालू भी लोट-पोट हो गए.
राजू छोड़ गए साफ-सुथरी कॉमेडी की विरासत
राजू श्रीवास्तव सिचुएशनल कॉमेडी करते थे. वह किसी भी आम घटना पर लोगों को हंसा सकते थे. बहन की शादी से लेकर ट्रेन यात्रा तक. राजनीति से लेकर मीडिया तक. राजू की तरकश में कॉमेडी के ऐसे-ऐसे बाण थे, जिसके चलते ही ठहाके गूंज उठते थे.
राजू ने कॉमेडी के लिए कभी भी फूहड़ता का सहारा नहीं लिया. उन्होंने कॉमेडी के नाम पर कभी भी फैट शेमिंग, बॉडी शेमिंग और महिलाओं पर भद्दी फब्तियां नहीं कसी. उनकी कॉमेडी बेहद साफ-सुथरी रही. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई एक साथ बैठकर उन्हें सुन सकता था. आज जब कई जगहों पर कॉमेडी के नाम पर फूहड़ता हावी है. डबल मीनिंग जोक्स का चलन है, ऐसे में राजू श्रीवास्तव एक अपवाद की तरह नजर आते हैं.
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