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The Sky Is Pink वाली वो आयशा,जिसने मौत को भी बताया जीने का मंत्र

कौन है आयशा चौधरी, जिसने मरकर भी लोगों को जीने का मंत्र दिया

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प्रियंका चोपड़ा की नई फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है. इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा एक ऐसी बच्ची की मां बनी हैं, जो एक जानलेवा बीमारी से जिंदगी की जंग लड़ रही है. उनके बेटी के रोल में जायरा वसीम हैं, जो आयशा का किरदार निभा रही हैं, आयशा एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो खुद तो सिर्फ 18 साल की उम्र में एक जानलेवा बीमारी से लड़ते हुए इस दुनिया से चली गई, लेकिन उसकी कही बातें आज भी करोड़ों लोगों को जिंदगी जीने का फलसफा सिखाती हैं. आज भी उस बहादुर लड़की के वीडियोज लोगों को प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं.

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कौन है आयशा चौधरी?

27 मार्च 1996 को दिल्ली में नीरेन और अदिति चौधरी के घर एक बच्ची का जन्म हुआ नाम रखा गया आयशा. घर में एक प्यारी सी बच्ची के पैदा होने की खुशियां मनाई ही जा रही थीं, कि कुछ ऐसा हुआ कि नीरेन और अदिति की जिंदगी थम सी गई. आयशा को जन्म के समय से ही SCID (Severe Combined Immuno-Deficiency) नाम की बीमारी थी. आयशा जब 6 महीने की हुई, तब उसका बोन मैरो ट्रांसप्लाट करना पड़ा.

आयशा की जिंदगी उसके जन्म से लेकर उसके आखिरी पलों तक कभी सामान्य नहीं रही, एक साथ कई बीमारियों से जुझती वो बच्ची जिंदगी की जंग लड़ती रही, हंसते हुए मुस्कुराते हुए. आयशा जब 13 साल की हुई तो उसे pulmonary fibrosis नाम की बीमारी हो गई, लेकिन आयशा ने अपनी बीमारी के आगे कभी हार नहीं मानी. बहुत कम उम्र में ही आयशा ने TEDx, INK जैसे प्लेटफॉर्म पर बोलना शुरू कर दिया था.

आयशा की जिंदगी में एक वक्त ऐसा आया, जब वो बिस्तर पर पड़ गई. आयशा का घर से निकलना मुश्किल हो गया.अपनी जिंदगी के आखिरी कुछ महीने उसने किताब लिखने में लगा दिए. आयशा ने सिर्फ 5 महीने में ही अपनी किताब My Little Epiphanies पूरी कर ली. आयशा की मां ने कुछ वक्त पहले क्विंट को दिए अपने इंटरव्यू में बताया था-

2014 में मैंने नोटिस किया कि आयशा जिंदगी, मौत और दर्द के बारे में कुछ ज्यादा ही सोचने लगी थी. मैंने उससे कहा कि तुम्हारा जिंदगी को लेकर जो नजरिया है, उसे लिखो, तो उसने मुझसे पूछा क्यों? उसे कौन पढ़ेगा, तब मैंने उसे एक किताब पढ़ने को दी, आयशा ने जब वो किताब पढ़ी, तो कहा इससे अच्छी किताब तो मैं लिख सकती हूं.

आयशा ने सच में ये कर दिखाया और ऐसी किताब लिखी जिसकी दुनिया भर के लोगों ने तारीफ की. आयशा की किताब जयपुर लिक्टेचर फेस्टिवल में लॉन्च हुई और अपनी किताब के लॉन्च होने के बाद 24 जनवरी 2015 को आयशा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. आयशा आज भले ही इस दुनिया में ना हो, लेकिन उसकी बातें और आज भी लोगों के अंदर जीने का जज्बा जगाती हैं और जल्द ही उसकी जिंदगी की कहानी हम पर्दे पर देखने वाले हैं.

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