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अरबपति हिंदुजा परिवार: पैसे के लिए परंपरा, प्रतिष्ठा सब दांव पर

हिंदुजा ग्रुप के चार भाइयों का संपत्ति को लेकर मामला इंग्लैंड के हाईकोर्ट पहुंचा है

Published
भारत
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ब्रिटेन का दूसरा सबसे अमीर कारोबारी घराना हिंदुजा ब्रदर्स इन दिनों खबरों में है. वजह वही संपत्ति की जंग. हिंदुजा ग्रुप के चार भाइयों का संपत्ति को लेकर मामला इंग्लैंड के हाईकोर्ट पहुंचा है. चारों भाइयों की ओर से साइन किया गया एक खत कानूनी जंग का केंद्र बन गया. झगड़ा हिंदुजा बैंक को लेकर शुरू हुआ और अब बात परिवार की 11.2 बिलियन डॉलर यानी तकरीबन 84 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के बंटवारे की बात चल निकली है.

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हिंदुजा समूह का कारोबार करीब 40 देशों में फैला है. यह ऑटो, वित्तीय सेवाओं, आईटी, मीडिया, इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और केमिकल और हेल्थ सेवा क्षेत्रों से जुड़ा है. भारत का दूसरा बड़ा ट्रक ब्रांड अशोका लीलैंड इसी हिंदुजा ग्रुप का है. इंडसइंड बैंक में भी इनकी 14% से ज्यादा की हिस्सेदारी है.

क्या है खत की कहानी

चार भाइयों में सबसे बड़े 84 वर्षीय श्रीचंद परमानंद हिंदुजा संपत्ति का मामला अदालत लेकर गए हैं. उन्होंने भाई गोपीचंद हिंदुजा (80 वर्षीय), प्रकाश हिंदुजा (75 वर्षीय) और अशोक हिंदुजा (69 वर्षीय) के खिलाफ केस किया है. ये केस दो जुलाई 2014 को खत की वैधता और उसके प्रभाव के बारे में है.  ब्लूमबर्ग के मुताबिक, 2014 की इस खत में कहा गया है कि एक भाई की मौजूदा संपत्ति पर सभी भाइयों का हक है. प्रत्येक भाई दूसरे को अपने एग्जीक्यूटर के तौर पर नियुक्त करेगा. खत पर चारों भाइयों ने हस्ताक्षर भी किए थे. लेकिन अब यही खत बड़े भाई श्रीचंद और उनकी बेटी वीनू अदालत में लेकर गए हैं और चाहते हैं कि खत को कानूनी रूप से अप्रभावित घोषित किया जाए. श्रीचंद ने काेर्ट से कहा है कि इस दस्तावेज को किसी वसीयत, पावर ऑफ अटॉर्नी या अन्य कानूनी बाध्यकारी दस्तावेज की तरह इस्तेमाल न किया जाए. इसके इस्तेमाल पर भी रोक लगनी चाहिए.

श्रीचंद के तीनों भाई इस खत के सहारे स्विट्जरलैंड स्थित हिंदुजा बैंक पर हक चाहते हैं जो सिर्फ श्रीचंद के नाम है.
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कोर्ट से मिली परिवार में कलह की खबर

ब्रिटेन स्थित कोर्ट में सुनवाई के बाद ये मामला सारी दुनिया के सामने आ गया. कैसे एक परिवार, जो बाहर से तो काफी जुड़ा हुआ दिखता था, लेकिन अंदर से उसकी काफी गिरहें खुल चुकी हैं. इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, सुनवाई में जज ने कहा कि तीन भाई गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ने हिंदुजा बैंक पर अपना नियंत्रण कायम करने के लिए खत का इस्तेमाल किया है. जबकि इस संपत्ति पर श्रीचंद का हक है.  श्रीचंद ने 2016 की शुरुआत में जोर देकर कहा था कि ये पत्र उनकी इच्छाओं को नहीं दर्शाता. उनके परिवार की संपत्ति को अलग किया जाए. एक बयान में श्रीचंद के तीनों भाइयों ने कहा है कि इस केस से कारोबार पर कोई असर नहीं होगा. लेकिन ये कोर्ट केस संस्थापक और परिवार के मूल्यों के खिलाफ जाएगा. परिवार के मूल्यों में एक ये भी है कि सब कुछ हर किसी का है और कुछ भी किसी एक का नहीं है. एक मेल में तीनों भाइयों ने कहा, "हम अपने परिवार के इस मूल्य को बचाना चाहते हैं.'

हिंदुजा ग्रुप की स्थापना 1914 में पीडी हिंदुजा ने की थी. भारत से कारोबार शुरू हुआ फिर ईरान से काम चला और आखिर ब्रिटेन शिफ्ट हो गया. अब परिवार के ज्यादातर सदस्य वहीं रहते हैं सिर्फ अशोक हिंदुजा और उनका परिवार मुंबई में रहता है.

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, अगर खत को लेकर भाइयों का दावा सफल होता है तो श्रीचंद की सारी संपत्ति की ओनरशिप उनकी बेटी और बाकी परिवार के पास आ जाएगी. इसमें हिंदुजा बैंक के सारे शेयरहोल्डिंग भी शाामिल होंगे. जज ने ये भी कहा है कि श्रीचंद के पास अब वकीलों को आदेश देने की ताकत नहीं है. अपनी जगह उन्होंने बेटी वीनू को नियुक्त किया है.

कहानी उनकी, जो इस खेल में नहीं दिखते-4 भाइयों के परिवार

बिजनेस टुडे के मुताबिक, बाहर से ऐसा दिखता है कि हिंदुजा ग्रुप को दूसरी पीढ़ी यानी चारों भाई कंट्रोल करते हैं. लेकिन सच ये है कि इनके प्रमुख कारोबार जैसे अशोक लीलैंड, गल्फ ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुजा बैंक (स्टि्जरलैंड) आदि के ऑपरेशन की जिम्मेदारी तीसरी पीढ़ी संभाल रही है.

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श्रीचंद हिंदुजा

हिंदुजा ग्रपु के चेयरमैन श्रीचंद की दो बेटियां हैं शानू और वीनू। शानू हिंदुजा फाउंडेशन यूएस और हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशन की को-चेयरपर्सन है. वीनू हिंदुजा वेंचर्स लिमिटेड, हिंदुजा ग्रुप इंडिया लिमिटेड और गल्फ ऑयल कॉर्पोरेशन की डायरेक्टर हैं. वीनू अपने पिता की तरफ से कानूनी जंग लड़ रही हैं. वह स्विट्जरलैंड स्थित हिंदुजा बैंक पर अपने ही परिवार का नियंत्रण चाहती हैं. उनके पिता इसके चेयरमैन (इस पद से फिलहाल सेवामुक्त) हैं. श्रीचंद की दूसरी बेटी शानू के बेटे करम हिंदुजा एक हफ्ते पहले ही बैंक के सीईओ बनाए गए हैं. हिंदुजा बैंक एक छोटा बैंक है, जिसकी संपत्ति 2,744 करोड़ रुपए है. अशोक लीलैंड में इसकी हिस्सेदारी 5 फीसदी है.

गोपीचंद हिंदुजा

दूसरे भाई गोपीचंद के दो बेटे संजय और धीरज और बेटी रीता है. संजय गल्फ ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन (इस पद से फिलहाल सेवामुक्त) हैं. धीरज अशोक लीलैंड के चेयरमैन हैं.

प्रकाश हिंदुजा

प्रकाश हिंदुजा के दो बेटे अजय और रामकृष्णन और बेटी रेणुका हैं. अजय वर्तमान में गल्फ ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं. जबकि रामकृष्णन इसके वाइस चेयरमैन हैं.

अशोक हिंदुजा

चौथे भाई अशोक की दो बेटियां अंबिका, सत्या और एक बेटा शोम हैं. शोम 2014 में हिंदुजा ग्रुप से जुड़े थे. वर्तमान में वह अल्टरनेटिव एनर्जी और सस्टेनेबल इनिशिएटिव के प्रेसिडेंट हैं. अंबिका हिंदुजा एक बॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर है, जबकि सत्या डीजे और म्यूजिक प्रोड्यूसर है.

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दुनिया के सबसे अमीर परिवारों में शामिल

हिंदुजा परिवार दुनिया के अमीर परिवारों की लिस्ट में शामिल है. ब्लूमबर्ग बिलिनेयर्स इंडेक्स के अनुसार हिंदुजा परिवार के पास कुल करीब 83 हजार करोड़ रुपए की दौलत है. 100 साल पुराने हिंदुजा ग्रुप के कारोबार की जड़ें 40 से ज्यादा देशों में फैली हैं. ब्लूमबर्ग के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण हिंदुजा ग्रुप को भी काफी नुकसान हुआ है. ग्रुप की व्हीकल यूनिट के नियंत्रण वाली इंडियन ट्रक प्रोड्यूसर कंपनी अशोक लीलैंड लिमिटेड के शेयर मार्च में एक तिहाई से अधिक नीचे आ गए. एक और कंपनी गल्फ ऑयल इंटरनेशनल को भी नुकसान पहुंचा है. हिंदुजा के स्वामित्व वाले इंडसइंड बैंक की मार्केट वेल्यू इस साल 66% फीसदी तक घट चुकी है. इसी महीने आरबीआई ने इंडसइंड बैंक लिमिटेड को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भाइयों की योजना को हरी झंडी दी है.

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