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राज्यसभा चुनाव: नामांकन खत्म, जानिए हर राज्य की सीटों का समीकरण

राज्यसभा में TMC और YSR कांग्रेस के सदस्य बढ़ने की उम्मीद

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भारत
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राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव में उच्च सदन के उप सभापति हरिवंश, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, कई उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित होने वाले हैं. चुनाव खत्म होने के एक घंटे बाद वोटों की गिनती भी 26 मार्च को ही होगी.

हर दो साल में होने वाले इस चुनाव के लिए नामांकन भरने का आखिरी दिन शुक्रवार था. राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अपैल में खत्म होने के चलते 17 राज्यों में इन 55 सीटों में 51 सीटें खाली हुई हैं. जबकि चार अन्य सीटें सदस्यों के इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं.

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हरियाणा से राज्यसभा की एक सीट पर भी उपचुनाव होगा. यह सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने खाली की थी. मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है. वहां कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है. राज्य की तीन सीटों के कुल छह उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है.

मध्य प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों पर जंग

मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री रंजना बघेल, प्रोफेसर सुमेर सिंह सोलंकी बीजेपी के उम्मीदवार हैं. राम दास दहीवाले ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा है.

बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियां विधायकों के संख्या बल के आधार पर आसानी से अपने एक-एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकती है. जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन 22 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे के साथ संख्याबल के इस खेल में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है.

इस्तीफा देने वाले ज्यादातर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जिन्होंने कांग्रेस से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद बुधवार को बीजेपी की सदस्यता ले ली. राज्य की 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या आधिकारिक रूप से 114 है, जबकि पार्टी को चार निर्दलीय, बीएसपी के दो और एसपी के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है.

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सिंधिया और दिग्विजय सिंह आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे

बेंगलुरु में डेरा डाले अगर 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान वे अनुपस्थित रहते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 रह जाएगी. ऐसी स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ 92 सदस्य होंगे, जबकि बीजेपी के खेमें में 107 विधायक होंगे. उम्मीद है कि बीजेपी के सिंधिया और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे क्योंकि वे संभवत: अपनी-अपनी पार्टियों की पहली पसंद है.

मध्य प्रदेश में तीसरी सीट के लिए बीजेपी के सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुख्य रूप से मुकाबला होगा.

राज्यसभा में TMC और YSR कांग्रेस के सदस्य बढ़ने की उम्मीद

मध्य प्रदेश के अलावा, महाराष्ट्र से सात, तमिलनाडु से छह, पश्चिम बंगाल और बिहार से पांच-पांच, ओडिशा-गुजरात-आंध्र प्रदेश से चार-चार, असम-राजस्थान से तीन-तीन, तेलंगाना-छत्तीसगढ़-हरियाणा-झारखंड से दो-दो और हिमाचल प्रदेश-मणिपुर-मेघालय से एक-एक सीट खाली हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के ज्यादातर सीटें जीतने की उम्मीद है. वहीं, इस चुनाव के बाद 245 सदस्यीय राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है.

महाराष्ट्र-गुजरात में कौन-कौन उम्मीदवार

महाराष्ट्र में खाली हो रही राज्यसभा की सात सीटों के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज बीजेपी नेता उदयनराजे भोसले, बीजेपी नेता भागवत कराड, कांग्रेस महासचिव राजीव सातव, शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी और एनसीपी की पूर्व मंत्री फौजिया खान चुनाव मैदान में हैं. शरद पवार और रामदास आठवले दोनों राज्यसभा के मौजूदा सदस्य हैं.

पड़ोसी राज्य गुजरात में भी करीबी मुकाबला देखने को मिलने की उम्मीद है, जहां खाली हो रही चार सीटों के लिए बीजेपी से तीन उम्मीदवार (अभय भारद्वाज, रमीलाबेन बारा, नरहरि अमीन), कांग्रेस से शक्तिसिंह गोहिल और भरतसिंह सोलंकी चुनाव मैदान में हैं. निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.

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पश्चिम बंगाल और बिहार का राज्यसभा गणित

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दिनेश त्रिवेदी, अर्पिता घोष, मौसम नूर और सुब्रत बख्शी को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी के पूर्व विधायक दिनेश बजाज ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा और उन्हें पार्टी समर्थन मिल सकता है. पार्टी में मौजूद लोगों ने यह जानकारी दी. हालांकि, वहां विपक्ष के नेता अब्दुल मनन ने आरोप लगाया कि बजाज को तृणमूल कांग्रेस ने पांचवीं सीट पर सीपीआई(एम)-कांग्रेस के आमराय से तय किए गए उम्मीदवार बिकास रंजन भट्टाचार्य को हराने के लिए उतारा है.

उधर, बिहार में सभी पांचों उम्मीदवारों के 18 मार्च को विजेता घोषित होने की उम्मीद है. यह तारीख नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है. ये पांचों उम्मीदवार हैं- हरिवंश (जेडीयू), रामनाथ ठाकुर (बीजेपी), विवेक ठाकुर (बीजेपी), प्रेम चंद गुप्ता (आरजेडी) और एडी सिंह (आरजेडी).

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बाकी राज्यों में कौन-कौन उम्मीदवार

  • झारखंड में दो सीटों के लिए सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबू सोरेन और कांग्रेस के शहजादा अनवर को उम्मीदवार बनाया है. जबकि प्रदेश बीजेपी प्रमुख दीपक प्रकाश भगवा पार्टी के उम्मीदवार हैं.
  • ओडिशा में बीजेडी के सभी चार उम्मीदवारों (सुभाष सिंह, मुन्ना खान, सुजीत कुमार और ममता महंत) के जीतने की उम्मीद है.
  • असम में बीजेपी ने कांग्रेस के पूर्व सांसद भुवनेश्वर कलिता को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अजीत कुमार भुइयां को विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ का समर्थन हासिल है.
  • छत्तीसगढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार के टी एस तुलसी और फूलो देवी नेताम निर्विरोध जीतने वाले हैं. वहां विपक्षी बीजेपी ने विधानसभा में अपनी कम संख्या को देखते हुए उम्मीदवार नहीं उतारे हैं.
  • हिमाचल प्रदेश में बीजेपी महिला मोर्चा की पूर्व प्रमुख इंदु गोस्वामी के भी निर्विरोध जीतने वाली हैं. मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस से सहयोग करने को कहा और विपक्षी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया.
  • राजस्थान में तीन सीटों के लिए चुनाव होंगे. वहां कांग्रेस ने पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश महासचिव नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी ने राजेंद्र गहलोत को उतारा है. पूर्व विधायक ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा भरा है.
  • हरियाणा से बीजेपी के राम चंदर जांगरा और कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के निर्विरोध जीतने वाले हैं.

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