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‘एक देश-एक भाषा’: किस राज्य के लोग कर रहे हिंदी का ज्यादा विरोध?

हिंदी को प्राथमिकता देने के अमित शाह के बयान का दिल्ली मे भी खूब विरोध

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भारत
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गृहमंत्री अमित शाह ने जब से हिंदी को प्राथमिकता देने की बात कही है, इसका कड़ा विरोध हो रहा है, खासकर दक्षिण भारतीय राज्यों में. 14 सितंबर को हिंदी दिवस के मौके पर, अमित शाह ने हिंदी को सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बताते हुए कहा था कि केवल इसमें ही देश को एकजुट करने की शक्ति है.

शाह ने देशवासियों से अपनी मातृभाषा के प्रयोग के साथ-साथ हिंदी को भी प्राथमिकता देने की अपील की, ताकि देशभर में एक भाषा का प्रयोग बढ़ सके.

‘भारत की अनेक भाषाएं और बोलियां हमारी सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन देश की एक भाषा ऐसी हो, जिससे विदेशी भाषाएं हमारे देश पर हावी ना हों इसलिए हमारे संविधान निर्माताओं ने एकमत से हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया.’
अमित शाह, गृहमंत्री

शाह के इस बयान का लगातार विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर #StopHindiImposition (हिंदी थोपना बंद करो) जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं.

हम इस विरोध को 10 ग्राफिक के जरिए बता रहे हैं. क्विंट ने TalkWalker टूल की मदद से शनिवार शाम से लेकर सोमवार शाम तक, #StopHindiImposition हैशटैग पर सभी ट्रेंड और डेटा इकट्ठा किया.
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अब तक 48.2 करोड़ एंगेजमेंट

हिंदी पर शाह के बयान के बाद से ही ये हैशटैग ट्रेंड कर रहा है. सोमवार शाम तक, इस हैशटैग की पहुंच 48.2 करोड़ थी.

ये ध्यान देने वाली बात है कि तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र, जिन्होंने इस हैशटैग के साथ सबसे ज्यादा रिएक्ट किया, उनकी कुल आबादी 26.5 करोड़ की है.
हिंदी को प्राथमिकता देने के अमित शाह के बयान का दिल्ली मे भी खूब विरोध
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दक्षिण के राज्य अव्वल

दक्षिण, पश्चिम और पूर्वी राज्यों से आया डेटा बताता है कि कौन से राज्य विरोध में आगे हैं. राज्यों के आंकड़ों से पता चलता है कि सोशल मीडिया पर उनकी बातचीत में इस हैशटैग का कितनी बार इस्तेमाल किया गया है.

हिंदी को प्राथमिकता देने के अमित शाह के बयान का दिल्ली मे भी खूब विरोध

एक्टर और नेता कमल हासन ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर हिंदी को 'थोपने' पर अपना विरोध दर्ज किया.

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दिल्ली-NCR विरोध में शामिल इकलौता उत्तरी क्षेत्र

उत्तर से दिल्ली-एनसीआर इस हैशटैग के साथ रिएक्ट करने वाला इकलौता राज्य निकलकर आया है. बल्कि, तमिलनाडु के बाद दिल्ली-एनसीआर में #StopHindiImposition के साथ कमेंट करने वाले सबसे ज्यादा यूजर्स थे.

  1. तमिलनाडु: 48,000 से ऊपर
  2. दिल्ली: 28,000 से ऊपर
  3. कर्नाटक: 14,000 से ऊपर
  4. महाराष्ट्र: 5,000 से ऊपर
  5. पश्चिम बंगाल: 1,000 से ऊपर
  6. केरल: 966
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इंग्लिश और तमिल में हो रहा ज्यादा विरोध

सोशल मीडिया पर इस हैशटैग के साथ करीब 90 प्रतिशत एंगेजमेंट इंग्लिश या तमिल में देखा गया.

  1. इंग्लिश: 55.7
  2. तमिल: 33.8
  3. कन्नड़: 5.7
  4. मराठी: 2.5
  5. हिंदी: 1.6
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विरोध करने वालों में ज्यादातर पुरुष

ऐसा देखने को मिला कि इस हैशटैग को पुरुषों ने सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया. सोमवार शाम 7 बजे तक, हैशटैग के साथ एंगेज होने वालों में से 73 प्रतिशत से अधिक पुरुष थे.

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बाकी कौन से हैशटैग्स ट्रेंड में?

#StopHindiImposition के अलावा लोग और किन कीवर्ड्स के साथ लोग रिएक्ट कर रहे हैं? #StopHindiImperialism, अमित शाह, #HindiDiwas, #Kannada, #Tamil कुछ ऐसे हैशटैग्स हैं, जिसपर रिएक्शन आ रहे हैं.

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तो सिर्फ विरोध नहीं?

जहां #StopHindiImposition के साथ लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, वहीं हिंदी को प्रमोट करने के समर्थन में भी लोग इस हैशटैग के साथ रिएक्ट कर रहे हैं.

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कई भाषाओं में हो रहा विरोध

उम्मीद के मुताबिक, हैशटैग का इस्तेमाल कई तरह की भाषाओं और प्रमुख शब्दों के साथ किया गया है. तमिल, कन्नड़, अंग्रेजी, और हिंदी हैशटैग भी विरोध में दिखे.

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20-34 की उम्र के लोग कर रहे ज्यादा रिएक्ट

जहां इंग्लिश और तमिल एंगेजमेंट में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाली भाषा थी, 25 से 34 उम्र के लोगों ने इसमें सबसे ज्यादा भाग लिया.

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इमोटिकॉन के साथ इमोशंस

शब्दों के साथ-साथ इमोजीस भी भावनाओं को जताने का एक जरिया हैं. ग्राफिक में दिखाए गए इन 7 इमोटिकॉन को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया.

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