गुजरात में देश की पहली सी प्लेन सर्विस केवडिया से अहमदाबाद के बीच शुरू की गई थी. इसका शुभारंभ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. लेकिन, अब ये सर्विस लंबे समय से बंद है. इस सेवा को शुरू करने का मकदस पर्यटन को बढ़ावा देना और सफर के समय को कम करना था. फिर क्या वजह रही कि सरकार को इस सेवा को बंद करना पड़ा?
सी-प्लेन सेवा के बंद होने पर कांग्रेस के नेता अर्जुन मोढवाडिया ने विधानसभा में सवाल उठाया. सरकार ने विधानसभा में उनके सवालों के जवाब देते हुए बताया कि सी प्लेन सर्विस पर कितना रुपया खर्च किया गया था और इस सर्विस को क्यों बंद करना पड़ा?
ढाई साल पहले शुरू हुई थी सी-प्लेन सेवा
31 अक्टूबर, 2020 को, पीएम मोदी ने नर्मदा जिले में केवडिया के पास स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट के बीच सीप्लेन सेवा का शुभारंभ किया था. उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंती के अवसर पर सरदार सरोवर बांध के पास तालाब-3 से दोहरे इंजन वाले विमान में सवार होकर सेवा का उद्घाटन किया था.
शुरू करने के मकसद में पास या फेल?
सी-प्लेन को शुरू करने का मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना
नर्मदा और अहमदाबाद जिलों के बीच सफर के समय को कम करना था
नर्मदा के केवडिया से अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट के बीच की दूरी करीब 200 किमी. की है. अगर सड़क मार्ग से जाते हैं तो इसको तय करने में करीब 4-5 घंटे का समय लग जाता. लेकिन, सी-प्लेन के जरिए सफर को 40-45 मिनट में तय किया जा सकता है. लेकिन, अब इस सेवा का लाभ नहीं मिलेगा.
जब ये सेवा शुरू की गई तो बहुप्रचारित किया गया कि इस सेवा से प्रदेश के पर्यटन में बड़ी वृद्धि होगी. क्योंकि, पर्यटक अहमदाबाद से केवड़िया जाते हैं, जहां स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थित है. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इस प्रतिमा को देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक आते हैं.
क्यों बंद करनी पड़ी सी-प्लेन सर्विस?
राज्य के नागरिक उड्डयन मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया के सवाल के जवाब में कहा कि 2020 में 13 करोड़ 15 लाख 6 हजार 737 रुपये की लागत से अहमदाबाद से केवड़िया के बीच सी-प्लेन सेवा शुरू की गई थी. लेकिन, विमान के विदेशी पंजीकरण की वजह से परिचालन रखरखाव में कठिनाई शुरू हो गई, जिसके कारण अप्रैल 2021 से इस सुविधा को बंद कर दिया गया.
सरकार ने इस सेवा पर 2 साल में 22 करोड़ रु खर्च कर दिए
आम आदमी पार्टी के विधायक चैत्र वसावा के एक सवाल के जवाब में राज्य के नागरिक उड्डयन मंत्री बलवंतसिंह राजपूत कहा कि सरकार ने पिछले दो वित्तीय वर्षों के दौरान इस परियोजना के लिए 22 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. उन्होंने कहा कि सीप्लेन संचालन के लिए बुनियादी ढांचे और सुरक्षा उपकरणों के विकास के लिए 7,77,65,991 रुपये खर्च किए गए. लेकिन, राज्य को इस सेवा से कुछ नहीं मिला.
कैसे संचालित हो रहा था सी प्लेन?
गुजरात में स्पाइस-जेट इसका संचालन कर रही थी.
स्पाइस जेट ने सी-प्लेन को मालदीव से लाया था.
इसके लिए 8 सी-प्लेन का संचालन हो रहा था, जिसमें 4 जाने के लिए और 4 आने के लिए.
हर दिन सी-प्लेन को निर्धारित रूट पर आठ ट्रिप लगाना था.
सी-प्लेन की हवाई ट्रिप रोज सुबह आठ बजे अहमदाबाद से शुरू होती थी.
यह प्लेन 19 सीटों वाला था, जिसमें 14 यात्री और 5 क्रू-मेंबर बैठ सकते थे.
इस योजना के तहत सी-प्लेन उड़ाने के लिए 6 महीने तक विदेशी पायलट द्वारा भारतीय पायलट को ट्रेनिंग दी जानी थी.
केवड़िया और अहमदाबाद में वाटरड्रोम पर भी इसके टिकट की व्यवस्था की गई थी.
एक व्यक्ति के लिए न्यूनतम 1,500 रुपये किराया देना पड़ता था. किराया तय सीटों के कोटा के हिसाब से होता था. अधिकतम किराया 4,800 रुपये प्रति व्यक्ति रखा गया था.
सरकार ने सेवा को शुरू करने का दिया था आश्वासन
गुजरात में मुख्यमंत्री बदलने के बाद जब भूपेन्द्र पटेल ने एक साल के लिए सत्ता संभाली थी तब उनकी सरकार में मंत्री पुर्णेश मोदी ने कहा था कि जल्द सी-प्लेन सर्विस को शुरू किया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्द ही अहमदाबाद सी प्लेन सेवा नए रंगरूप के साथ शुरू होगी. यह भी कहा गया कि सरकार इस बार दूसरे राज्यों के जलाशयों से केवड़िया समुद्री विमान लाने की योजना बना रही है. इससे पहले सरकार ने खुद सदन में कहा कि सीप्लेन शुरू करने की योजना बनाई गई है और इससे जुड़े नियमानुसार कार्रवाई की गई है. यह प्रक्रिया पूरी होते ही सेवा फिर से शुरू कर दी जाएगी. सी प्लेन सर्विस पहले के रूट के मुताबिक शुरू होगी. लेकिन, तब से लेकर अबतक सी प्लेन सेवा शुरू नहीं हुई.
करोड़ों की लागत से बना वाटर एयरोड्रम धूल फांक रहा!
अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने केवड़िया से अहमदाबाद तक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लिए सीप्लेन सेवा शुरू की थी, जो शुरू में 10 दिनों तक चला और एक महीने के कम समय में रखरखाव के लिए मालदीव भेज दिया गया. अब करोड़ों रुपये की लागत से तैयार वाटर एयरोड्रम (ट्रेक) धूल फांक रहा है. सुरक्षाकर्मी खाली बैठे हैं, क्योंकि सी-प्लेन को मेंटेनेंस के लिए मालदीव भेजा गया है और वह अभी तक वापस नहीं आया है. इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि आखिर सी-प्लेन सेवा कब शुरू होगी?
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