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भारत में बनी नेजल स्प्रे से कोविड वायरल लोड 99% तक कम होता है: लैंसेट स्टडी

ग्लेनमार्क की एंटीवायरल नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे (NONS) से लगभग 4 दिनों में नाक के वायरल लोड पूरी तरह खत्म हुए

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द लैंसेट में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे (NONS), जो COVID-19 के लिए एक एंटीवायरल ट्रीट्मेंट है, उससे उच्च जोखिम वाले वयस्क रोगियों में वायरल लोड 24 घंटों में 94 % और 48 घंटों में 99 % तक कम हुआ.

नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे (NONS) भारतीय दवा कंपनी ग्लेनमार्क द्वारा विकसित एक एंटीवायरल नेजल स्प्रे है.

इस नेजल ट्रीट्मेंट की घोषणा पहली बार फरवरी में की गई थी, जब कंपनी ने यह भी कहा था कि नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे (NONS) को फैबीस्प्रे के नाम से भारत में बेचा जाएगा. यह ट्रीट्मेंट उन कोविड संक्रमित वयस्कों के लिए बनाया गया है, जिनमें बीमारी के और गंभीर होने का अधिक जोखिम है.

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हम NONS के बारे में क्या जानते हैं? अध्ययन का परिणाम कितना आशाजनक है? यहां जाने इन सवालों के जवाब.

NONS क्या है?

NONS एक नेजल "कीटाणुनाशक" स्प्रे है और अब तक का एकमात्र COVID उपचार है, जो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार नहीं है.

स्प्रे को ऊपरी वायु मार्ग में मौजूद कोरोना वायरस को मारने के लिए डिजाइन किया गया है. यह वायरस के खिलाफ एक फिजिकल और केमिकल बाधा के रूप में कार्य करता है और वायरस को फेफड़ों में फैलने से रोकता है.

इस तकनीक का इस्तेमाल पहले H1N1 और इन्फ्लूएंजा वायरस को टारगेट करने वाली नेजल स्प्रे बनाने के लिए किया गया था.

यह एक नॉन-इन्वेसिव, खुद से लिए जा सकने वाला पोर्टेबल स्प्रे है. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अच्छा है, जिन्हें सुइयों से परेशानी होती है और जो इंजेक्शन वाले COVID टीके नहीं ले सकते.

अध्ययन के बारे में और जानकारी

पहले, आइए अध्ययन के बारे में कुछ फैक्ट देखें.

मुंबई में आयोजित तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में यह पता लगाने की कोशिश की गई थी कि नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) नेजल SARS-CoV-2 RNA को कितनी अच्छी तरह से मिटाता है. यह टेस्ट मुख्य रूप से 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले हाई रिस्क रोगियों में किया गया था, जो इस ट्रीटमेंट के प्राथमिक टारगेट हैं.

  • अध्ययन में 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच के 306 वयस्कों को शामिल किया गया था.

  • ये उन रोगियों का एक उपसमूह था, जिनमें लक्षण हल्के थे लेकिन जिनमें गंभीर बीमारी विकसित होने का उच्च जोखिम था.

  • इस उपसमूह में से भी उन ही लोगों को चुना गया था, जिनमें संक्रमित होने के 72 घंटे के भीतर लक्षण विकसित हुए थे.

  • प्रतिभागियों में वैक्सीन लगा चुके और अन-वैक्सीनेटेड, दोनों लोगों का मिश्रण शामिल था.

  • 153 प्रतिभागियों को NONS दिया गया और बाकी को प्लेसीबो दिया गया था.

  • प्रतिभागियों द्वारा सात दिनों तक, प्रतिदिन छह बार, दोनों नॉस्ट्रिल में दो स्प्रे लिए गए.

  • प्री-मेनोपॉजल या पोस्ट-मेनोपॉजल महिलाओं को प्राथमिकता दी गई थी, और प्रसव उम्र की महिलाओं ने सहमति से गर्भनिरोधक लिए.

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अध्ययन में क्या पाया गया

अध्ययन के लेखकों के अनुसार, NONS ने संक्रमण के तुरंत बाद प्रशासित होने पर नाक के वायरल लोड को साफ करके रिकवरी को तेज करने में मदद की.

अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन रोगियों को NONS दिया गया था, उन्हें प्लेसीबो की तुलना में लगभग चार दिन पहले वायरस RNA से पूरी तरह छुटकारा मिल गया था.

अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में से किसी को भी अध्ययन के अंत तक अस्पताल में भर्ती होने या ऑक्सीजन सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ी.

इसके अलावा, कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखे गए.

क्या यह ओमिक्रॉन के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है?

अध्ययन लेखकों ने यह रिकॉर्ड नहीं किया कि कौन से रोगी कोविड के किस स्ट्रेन से संक्रमित थे और स्प्रे को खास कर ओमिक्रॉन पर टेस्ट नहीं किया गया था.

हालांकि, 58 % प्रतिभागियों को दूसरी लहर के दौरान एनरोल किया गया था जब डेल्टा प्रभावशाली था और 42 % तीसरी लहर के दौरान एनरोल हुए थे जब ओमिक्रॉन प्रभावशाली था.

"प्रयोगशाला जांच ने SARS-CoV-2 और अन्य रेस्पिरेटरी पैथोजेन (उत्पाद में अन्य इनग्रीडिएंट से असंबंधित), के सभी VOCs के खिलाफ NO ने वायरस को तुरंत मारने की कार्रवाई का प्रदर्शन किया है."
अध्ययन के लेखक

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