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‘कोरोना वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बनने का ऐसा रहा मेरा अनुभव’

कोवैक्सीन की डोज के बाद नहीं हुआ कोई साइड इफेक्ट

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

मैं एक दिन में तीन काम करता हूं और मुझे बेलगाम (कर्नाटक) में निशाचर ऑटो एंबुलेंस मैन कहा जाता है. मेरा नाम मंजुनाथ निगप्पा है और मैंने भारत बायोटेक के कोरोना वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लिया. मैंने कोरोना वायरस के चलते अपने पिता को खो दिया और इसके बाद मैं इस महामारी को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाना चाहता हूं.

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अगस्त के महीने में मैंने न्यूजपेपर में भारत बायोटेक का एक विज्ञापन देखा. जिसमें कोवैक्सीन ट्रायल के लिए वॉलिंटियर के लिए कहा गया था. मैंने तुरंत इसके लिए अप्लाई किया. जितने वॉलिंटियर्स ने इसके लिए आवेदन किया था उन सभी को हॉस्पिटल बुलाया गया. जहां पर सभी का ब्लड और यूरिन सैंपल लिया गया. मेरा शुगर लेवल बढ़ा हुआ था, इसीलिए मैं पहले फेज के ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाया.

डॉक्टरों ने मुझे बताया कि आपकी हेल्थ रिपोर्ट तो ठीक है, लेकिन शुगर लेवल थोड़ा बढ़ा हुआ है. इसीलिए आपको अभी हम वैक्सीन नहीं दे सकते हैं. लेकिन अगर अगले फेज तक आपका शुगर लेवल ठीक होता है तो आपको वैक्सीन दी जा सकती है.

लोगों ने मुझसे कहा कि ये अच्छा हुआ कि पहले फेज में तुम्हें वैक्सीन नहीं दी गई. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये संकेत है, इसीलिए दूसरे फेज में वैक्सीन की डोज मत लेना. लेकिन मैं जो कर रहा था उसे लेकर काफी ज्यादा श्योर था.

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इसके बाद डॉक्टरों ने मुझे बताया कि आपका शुगर लेवल कंट्रोल हो गया है और मैं दूसरे फेज में हिस्सा ले सकता हूं. शुगर कंट्रोल करने के लिए मैंने अपनी डाइट कंट्रोल की थी. इसके बाद 9 सितंबर को मुझे पहली बार कोरोना वैक्सीन का शॉट दिया गया. इसके बाद 6 अक्टूबर को कोवैक्सीन का दूसरा डोज लिया.

पहली डोज के बाद मुझे काफी ज्यादा भूख लगी. लेकिन सूजन, खुजली और ऐसी किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. साथ ही कोई एलर्जेटिक लक्षण भी नहीं नजर आए.

वैक्सीन ट्रायल के मुझे 6 बार हॉस्पिटल जाना था. दूसरा डोज लेने के बाद पहले फॉलोअप के लिए मैं 20 अक्टूबर को गया. इसके बाद दूसरा फॉलोअप 3 नवंबर को था और अब तीसरा फॉलोअप 3 जनवरी 2021 को है. आखिरी फॉलोअप फरवरी के महीने में होगा.

मुझे डॉक्टरों ने कहा था कि अगर वैक्सीन दिए जाने के बाद किसी भी तरह की परेशानी होती है तो मैं सीधे उनसे ही संपर्क करूं. इस बीच किसी भी दूसरे डॉक्टर से संपर्क करने से मना किया गया था. लेकिन मुझे ऐसी कोई जरूरत नहीं पड़ी.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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